स्वर्णक्षीरी, सत्यानाशी, सत्यानासी, पीला कटीला एक कांटेदार पौधा है जो बरसात में उगता है. ये खाली पड़े स्थानों, बंजर ज़मीनो और सड़क के किनारे बहुतायत से पाया जाता है. कहते हैं की रोगों को जड़ से मिटाने और उनका सत्यानाश करने के कारण ही इसका नाम सत्यानाशी रखा गया है. जिन लोगों के खेतों को इस पौधे ने बहुतायत से उगकर सत्यानाश किया है उन्होने भी इसका नाम सत्यानासी रख दिया था.
इसमें पीले रंग के कटोरी नुमा फूल खिलते हैं. कुछ पौधों के फूल क्रीम रंग के या सफेदी लिए भी होते हैं. इसके तने को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है. इसलिए इसे स्वर्णक्षीरी या सोने जैसे दूध वाली बूटी भी कहते हैं. इसका दूध बड़ी काम की चीज़ है. ये लगाने पर एंटीसेप्टिक का कार्य करता है. इसकी जड़ की भस्म शहद के साथ इस्तेमाल करने से मिर्गी का रोग जाता रहता है.
लेकिन इस पौधे की गिनती ज़हरीले पौधों में होती है. इसका प्रयोग केवल काबिल हकीम और वैध ही कर सकते हैं. यदि इसे समझदारी से इस्तेमाल किया जाए तो बहुत से रोगों के लिए ये लाभकारी है. लापरवाई और जानकारी के आभाव में इसके इस्तेमाल से गंभीर नुकसान हो सकते हैं.
इसकी फलियां मोटी और छोटी होती हैं. इनमें काले रंग के बहुत से बीज निकलते हैं. इन बीजों में बहुत तेल होता है. कुछ लोगों ने इसके बीजों के मिलावट सरसों के तेल में की है जिससे लोगों को जोड़ों के सूजन, गुर्दे फेल होना और आँखों की गंभीर बीमारियां हुई हैं.
इसमें पीले रंग के कटोरी नुमा फूल खिलते हैं. कुछ पौधों के फूल क्रीम रंग के या सफेदी लिए भी होते हैं. इसके तने को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है. इसलिए इसे स्वर्णक्षीरी या सोने जैसे दूध वाली बूटी भी कहते हैं. इसका दूध बड़ी काम की चीज़ है. ये लगाने पर एंटीसेप्टिक का कार्य करता है. इसकी जड़ की भस्म शहद के साथ इस्तेमाल करने से मिर्गी का रोग जाता रहता है.
लेकिन इस पौधे की गिनती ज़हरीले पौधों में होती है. इसका प्रयोग केवल काबिल हकीम और वैध ही कर सकते हैं. यदि इसे समझदारी से इस्तेमाल किया जाए तो बहुत से रोगों के लिए ये लाभकारी है. लापरवाई और जानकारी के आभाव में इसके इस्तेमाल से गंभीर नुकसान हो सकते हैं.
इसकी फलियां मोटी और छोटी होती हैं. इनमें काले रंग के बहुत से बीज निकलते हैं. इन बीजों में बहुत तेल होता है. कुछ लोगों ने इसके बीजों के मिलावट सरसों के तेल में की है जिससे लोगों को जोड़ों के सूजन, गुर्दे फेल होना और आँखों की गंभीर बीमारियां हुई हैं.