रविवार, 7 अक्तूबर 2018

फूल के ऊपर पत्ता

फूल के ऊपर पत्ता गोमा जड़ी बूटी की विशेष पहचान है. गोमा को गुम्मा घास, और द्रोण पुष्पी भी कहा जाता है. इसमें सफ़ेद रंग के फूल खिलते हैं.
गोमा को सर्प दंश की अचूक दवा माना जाता है. गोमा को खिलाने और काटे हुए स्थान पर लगाने से सांप का विष दूर हो जाता है. एक हकीम ने जंगल में देखा की एक सांप और नेवला लड़ रहे हैं. सांप नेवले को कई बार काटता है और नेवला भागकर एक बूटी के पत्ते खाकर लड़ाई के लिए फिर आ जाता है. वह ये सब देखते रहे. जब नेवले ने सांप को मार  लिया और उसी बूटी के पत्ते खाकर चला गया तो उनहोंने उस बूटी को जड़ से उखाड़कर अपने झोले में डाल लिया और पास के रेलवे स्टेशन से अपने गांव जाने के लिए गाड़ी पकड़ ली.
उस ट्रेन में उन्हें एक मरीज़ मिला जिसके शरीर के हर भाग से खून बह  रहा था. पूछने पर पता लगा की इस आदमी को सांप ने काटा था. दवा से मरने से तो बच गया लेकिन ज़हर के असर से शरीर का खून इतना पतला हो चुका  है की त्वचा के छिद्रों से बह रहा है. इसे  डाक्टर को शहर में दिखाने ले गए थे.  उन्होंने कहा इसका कोई इलाज नहीं.
हकीम ने थैले में हाथ डाला और गोमा बूटी को रगड़कर गोली से बना दी. और ऐसी तीन गोलियां मरीज़ को देदी. कहा कि एक अभी खालो, एक तीन घंटे बाद और एक उसके तीन घंटे बाद खा लेना. रास्ते में उनका गांव आ गया और उनहोंने उतरने से पहले हकीम का पता ले लिया.
 तीसरे दिन हकीम अपनी दुकान पर बैठे थे कि एक आदमी आया और उनके पैरों पर गिर पड़ा. ये वही मरीज़ था. बिलकुल ठीक हो चुका  था.
गोमा कमाल की बूटी है.
बुखारों के लिए भी गोमा ज़बरदस्त असर रखती है. सूखी गोमा बूटी के भरे हुए गद्दे पर मरीज़ को लिटाने से ही पुराना बुखार भी उतर जाता है.
गोमा लिवर की बीमारियों की बड़ी दवा है. लिवर ठीक काम न करता हो, पीलिया रोग में और लीवर की सूजन घटाने में ये जड़ी बूटी लाभकारी है.


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