बुधवार, 27 दिसंबर 2017

बहेड़ा

बहेड़ा एक बड़े वृक्ष का फल है. ये तिरफला का एक फल है. हरड़, बहेड़ा और आमला मिलकर तिरफला कहलाते हैं. बहेड़े के फल का छिलका या बाहरी आवरण दवाओं में प्रयोग किया जाता है. इसकी गुठली तिरफला का भाग नहीं है. तिरफला पाउडर बनाने में आमला सूखा हुआ, बहेड़ा गुठली निकला हुआ और हरड़ गुठली नीलकी हुई बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बनाया जाता है. मार्केट में जो तिरफला पाउडर मिलते हैं उनमें गुठली भी मिली होती है.
बहेड़ा दस्तों को बंद करता है. इसमें शामिल टैनिक एसिड और गैलिक एसिड आँतों में सुकड़न पैदा करते हैं. इससे ये आँतों के मज़बूती देता है. बहेड़े के जोशांदे से गारगल करना दांतो और मसूढ़ों से खून आने में फ़ायदा करता है.
बहेड़े का प्रयोग ब्लड प्रेशर को भी घटाता है. ये बलगम निकलने में भी लाभकारी हैं. बहेड़े का प्रयोग चूर्णों में किया जाता है जो पेट के बीमारियों में लाभ करते हैं. बहेड़ा, काली मिर्च, और कला नमक का चूर्ण गैस बनने को रोकता है.
बहेड़े के पाउडर को मेहँदी के साथ मिलकर लगाने से बाल कालो रहते और मज़बूत होते हैं.
बहेड़े में एंटी एजिंग यानि आयु के प्रभाव को कम  करने का गुण है. इसका प्रयोग चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ने देता और बहुत सी  बीमारियों से बचाता है. बहेड़े की गुठली के अंदर इसका बीज होता है. ये बीज बालों का अच्छा टॉनिक है. बहेड़े के बीजों को पीसकर सरसों या तिलों के तेल में धीमी आंच पर पकाया जाता है. उसके बाद तेल को फ़िल्टर करके बालों में लगाने से बालो का झड़ना और असमय सफ़ेद होना रुक जाता है. ये नए बाल उगने में भी मदद करता है.

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