शनिवार, 2 दिसंबर 2017

कद्दू

कद्दू एक जानी मानी सब्ज़ी है. ये हर मौसम में मिलता है. लेकिन इसका मुख्य सीज़न बरसात का मौसम है. इसकी बेल होती है. इसमें पीले रंग के सुन्दर फूल खिलते हैं. कद्दू को इंग्लिश में पम्पकिन  कहते हैं. ये दो आकर में मिलता है. गोल और अंडाकार. अंडाकार कद्दू बहुत बड़े बड़े  हो जाते जाते हैं.
कद्दू का  स्वाभाव ठंडा है. इसके बीजों का प्रयोग तरबूज़, ख़रबूज़े, खीरा, ककड़ी के बीजों के साथ मिलकर मेवे के रूप में किया जाता है. कद्दू के बीज मेमोरी को बढ़ाते हैं. इनके प्रयोग से नींद न आने की समस्या से छुटकारा मिलता है. इसके बीजों  का तेल कद्दू रोगन के नाम से मिलता है. सर में इसकी मालिश नींद लाने में सहायता करती है.
इसके तेल और बादाम के तेल को सामान मात्रा में मिलाकर सर में लगाने से न केवल याददाश्त और मीठी नींद आने में फ़ायदा होता है बल्कि बाल भी काले रहते हैं. इसके तेल को रात को चेहरे पर लगाने से झुर्रियां नहीं पड़ती.

कद्दू का तेल और इसके बीन पौष्टिक, याददाश्त को बढ़ाने वाले, नींद लाने वाले हैं. ये दिमाग को ताकत देते हैं. इसके तेल से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता. सब्ज़ी का प्रयोग उच्च रक्तचाप वालों के लिए लाभकारी है.
कद्दू का फल पककर मीठा हो जाता है. डायबेटीस वालों को कच्चा या हरा कद्दू खाना चाहिए. मीठा कद्दू शुगर लेवल बढ़ा सकता है.
 जिन लोगों का स्वाभाव ठंडा है और जो सर्दीजनित रोगों जैसे खांसी, ठण्ड, बुखार आदि से पीड़ित हों उन्हें कद्दू नुकसान कर सकता है. जो वायुविकारों से पीड़ित हों उनके लिए भी फायदेमंद नहीं है. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Popular Posts

कपूर का वृक्ष Camphora officinarum

 कपूर  को  काफूर  भी कहते हैं।  ये बाजार में सफेद टुकड़ों के रूप में मिलता है. इसकी विशेष गंध होती है जो बहुत तेज़ होती है. कमरे में अगर कपूर ...