शनिवार, 16 दिसंबर 2017

करंजवा

करंजवा, करंज बीज, कंजा, एक पौधा है जिसमें बहुत कांटे होते हैं. यह एक झाड़ीनुमा पौधा है. इसकी शाखाएं लचीली होती हैं. कांटों की वजह से इसे खेतों और बागों के किनारे बाढ़ के रूप में लगाया जाता है. करंजवा का फल भी काँटों भरा, चपटे आकर का थैली की तरह होता है. इस थैली के अंदर ग्रे और ग्रीन कलर के बीज होते हैं. जो देखने में छोटे पत्थरों की तरह लगते हैं. यही करंज बीज, करंजवा, या कंजा के नाम से दवाओं में प्रयोग किये जाते हैं.
करंज बीज का छिलका सख्त होता है. इसे छीलने पर अंदर से गरी या मगज़ निकलता है. ये गिरी पीसकर दवाई के रूप में प्रयोग की जाती है.

करंजवा का स्वाद बहुत कड़वा होता है. इसके बीज को पाउडर या गोली बनाकर इस्तेमाल करते हैं. करंजवा बुखारों के बड़ी दवा है. जो बुखार पुराने हों और किसी दवा से न जाते हों करंजवा के प्रयोग से ठीक हो जाते हैं.
करंजवा बाहरी और अंदरूनी सूजन में भी काम की दवा है. करंजवा के साइड इफ़ेक्ट करजनवा के साथ काली मिर्च के प्रयोग से नहीं होते और ये दवा नुकसान नहीं करती.
करंजवा का प्रयोग हेमरॉइड में भी किया जाता है.
ये एक बहुत तेज़ असरकारी दवा है और इसमें कुछ ऐसे तत्व भी हैं जो शरीर को नुकसान कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल हकीम या वैद्य के अनुसार ही करना चाहिए.
अजीब बात है कि करंजवा का बीज भुना हुआ खाने से खांसी और दमे के दौरे को रोक देता है.

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