न तो लेडीबर्ड कोई चिड़िया है, न डाबरमैन कोई आदमी है. इसी प्रकार लेडिस फिंगर भी किसी वास्तविक महिला की उंगलियां नहीं हैं जिनकी सब्ज़ी लोग चाव से खाते हैं. इसे लोग ओकरु के नाम से जानते हैं. इसका साइन्टिफिक नाम अरबी के नाम अबुल-मिस्क के शब्द से बना है. इसे Abelmoschus esculentus कहते हैं. कॉमन भाषा में इसे Ladies Finger और भिन्डी के नाम से जाना जाता है.
इस पौधे की कच्ची फलियां सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं. इस सब्ज़ी में लेस या चिपचिपापन होता है. इसके चिपचिपे स्वाभाव के कारण ये आंतों में मौजूद बीमारियों के बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है.
भिन्डी कमाल का हर्ब है. इसमें ऐसे तत्व हैं जो न केवल कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं बल्कि उसके स्तर को नार्मल रखते हैं. लेडिस फिंगर ब्लड शुगर को ठीक स्तर पर लाती है. इसके यही दो गुण बहुत महत्वपूर्ण हैं.
इसका चिपचिपा पदार्थ आंतो की सेहत के लिए बहुत अच्छा है. भिंडी के इस्तेमाल से आंतों विशेषकर कोलन कैंसर नहीं होता.
अजीब बात है की इसकी जड़ भी इसकी फलियों के तरह जालदार होती है. इसको पानी में भिगोने पर चिपचिपा पदार्थ निकलता है. जड़ का प्रयोग भी दवा के रूप में किया जाता है. जिनको गर्मी के रोग हों, स्त्रियों के श्वेत प्रदर, पुरुषों के धातुरोग में जड़ को रात को पानी में भिगोकर उसका पानी सुबह को शकर मिलाकर पीने से आशातीत लाभ होता है.
इस पौधे की कच्ची फलियां सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं. इस सब्ज़ी में लेस या चिपचिपापन होता है. इसके चिपचिपे स्वाभाव के कारण ये आंतों में मौजूद बीमारियों के बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है.
भिन्डी कमाल का हर्ब है. इसमें ऐसे तत्व हैं जो न केवल कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं बल्कि उसके स्तर को नार्मल रखते हैं. लेडिस फिंगर ब्लड शुगर को ठीक स्तर पर लाती है. इसके यही दो गुण बहुत महत्वपूर्ण हैं.
इसका चिपचिपा पदार्थ आंतो की सेहत के लिए बहुत अच्छा है. भिंडी के इस्तेमाल से आंतों विशेषकर कोलन कैंसर नहीं होता.
अजीब बात है की इसकी जड़ भी इसकी फलियों के तरह जालदार होती है. इसको पानी में भिगोने पर चिपचिपा पदार्थ निकलता है. जड़ का प्रयोग भी दवा के रूप में किया जाता है. जिनको गर्मी के रोग हों, स्त्रियों के श्वेत प्रदर, पुरुषों के धातुरोग में जड़ को रात को पानी में भिगोकर उसका पानी सुबह को शकर मिलाकर पीने से आशातीत लाभ होता है.
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