हर्ब्स की दुनिया बहुत बड़ी है. इन को स्वयं उगाना दिल को ख़ुशी देने वाला कार्य है. किसी हर्ब्स के शौक़ीन ने अपने बगीचे के लिए एक माली लगा रखा था जो ठीक ठाक तनख्वाह लेता था. वह शख्स हर्ब्स का शौक़ीन था और माली के साथ खुद भी काम करता था. उसके बगीचे में आम सब्ज़ियों से लेकर दवाई और सजावटी हर्ब्स लगे थे. किसी ने कहा जितने पैसे तुम माली को देते हो उन पैसों की अगर बाजार से सब्ज़ी खरीदो तो बहुत सस्ती पड़ेगी और रोज़ रोज़ का झंझट भी नहीं रहेगा.
उस आदमी ने कहा बात तो तुम ठीक कहते हो लेकिन इन हर्ब्स के उगाने से मुझे जो ख़ुशी और सुकून मिलता है उसका तुम्हें अंदाज़ा नहीं है. बीज बोने के बाद मैं पौधों को उगते, उन्हें बढ़ते और फलते फूलते देखता हूँ तो मेरा मन ख़ुशी से भर जाता है. इसके कारण मैं बीमारियों से दूर रहता हूँ और माली को जो तनख्वाह देता हूँ उससे उस गरीब के घर का खर्च भी चल जाता है.
7 ऐसे आवश्यक हर्ब्स हैं जो आपको खुद अपने घर में उगना चाहिए. घर छोटा हो या बड़ा इससे फर्क नहीं पड़ता. आप इन्हे पॉट में उगा सकते हैं. प्लास्टिक या लकड़ी के ट्रे में ऊगा सकते हैं. इसे टैरेस पर, खिड़की में या फिर छत पर रखा जा सकता है.
इनका उगाना भी आसान है. बीज, कटिंग, या, बल्ब से आसानी से उगाया जा सकता है. घर में मिलने वाले बीज से ही शुरुआत कर सकते हैं. अगर चाहें तो बाजार से भी बहुत आसानी से बीज खरीद सकते हैं.
आइए करते हैं शुरुआत:
1. प्याज़ Onion
प्याज़ उगाने के दो तरीके हैं. आम तौर से प्याज़ बीज से उगायी जाती है. लेकिन अगर आप किचन गार्डेनिंग शुरू कर रहे हैं तो आप के लिए प्याज़ को बल्ब से उगना ठीक रहेगा. इसके लिए कहीं जाने की भी ज़रुरत नहीं है. घर में इस्तेमाल होने वाले प्याज़ के बल्ब को गमले या ट्रे में लगा दीजिए. प्याज़ के बल्ब में जुलाई अगस्त में पत्तियां निकलने लगती हैं. यही सही समय है जब प्याज़ के बल्ब को लगाया जाए.
इसके लिए खेत या बाग़ की आम मिट्टी तीन भाग, बालू या नदी की रेत एक भाग, गोबर की कम्पोस्ट एक भाग मिलाकर गमले में भर दें. उसमें प्याज़ का बल्ब लगा दें. इसकी पत्तियां जब बढ़ती हैं तो ये बहुत सुन्दर लगती हैं. इन पत्तियों को जो बेलनाकार और अंदर से खोखली होती हैं सब्ज़ी और सलाद के रूप में प्रयोग किया जाता है. घर में ही इस्तेमाल के लिए प्याज़ की पत्तियां मिल जाएंगी और गार्डेनिंग का शौक भी पूरा होगा.
यदि इसे बढ़ने दिया जाए और पत्तियां न काटी जाएं तो तीन से चार महीने में प्याज़ का बल्ब विकसित होकर तीन चार बल्ब बना देता है. और इन्हे निकालने पर एक प्याज़ के बल्ब से तीन चार बल्ब मिल जाते हैं.
बीज से प्याज़ उगाना व्यवसायिक काम है. इसके लिए प्याज़ के छोटे पौधे जिन्हें बेड़ या पेड़ी कहते हैं प्याज़ किसानों या वैज नर्सरी से अक्टूबर नवंबर तक मिल जाते हैं उन्हें लाकर गमले में लगाया जा सकता है. प्रत्येक पौधे से प्याज़ का एक बल्ब मिलता है.
2 . लहसुन Garlic
लहसुन का बल्ब बहुत से छोटे जवां का समूह होता है. इन जवो को cloves भी कहा जाता है. इन cloves को ही बोया जाता है और प्रत्येक cloves से एक लहसुन का बल्ब विकसित होता है. इसके बोने का समय भी बरसात के बाद अक्टूबर, नवंबर है. गमले की मिट्टी तैयार कर एक एक जवे को मिट्टी में लगा दें.
लहसुन का बीज तलाश करने के लिए कहीं भी जाने की ज़रुरत नहीं है. घर में इस्तेमाल होने वाला लहसुन जो बाजार से लाया हो, वही गमले में बो देना चाहिए. इसमें भी लम्बी पत्तियां निकलती हैं लेकिन प्याज़ की पत्तियों की तरह ये अंदर से खोखली और बेलनाकार नहीं होतीं. ये एक चपटी या flat पत्ती होती है. इन पत्तियों को भी सलाद के रूप में और चटनी बनाकर खाया जाता है.
सर्दी के मौसम में शरीर में रक्त का प्रवाह सुस्त पड़ जाता है इसी कारण उम्रदार लोगों old age people में ब्लड प्रेशर और हार्ट से सम्बंधित समस्याएं सर्दी के मौसम में बढ़ जाती हैं. लहसुन की हरी पत्तियों की चटनी या सलाद या सब्ज़ी में थोड़ी मात्रा में इस्तेमाल करने से रक्त पतला रहता है और हार्ट में अचानक होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है.
फरवरी, मार्च तक लहसुन के बल्ब तैयार हो जाते हैं. इनकी पत्तियां सूख जाती हैं. प्रत्येक पौधे से एक लहसुन का बल्ब मिलता है.
3. धनिया coriander
धनिया coriander को बीज से उगाया जाता है. धनिया पत्ती जिसे हरा धनिया भी कहते हैं बहुत सी डिशों में प्रयोग की जाती है. इसकी सुगंध सभी को पसंद है. सूखा धनिया साबुत और धनिया पाउडर भी खाना बनाने में काम आता है.
ग्रोसरी स्टोर से लाया गया साबुत धनिया, यदि वह पुराना न हो बोया जा सकता है. बीज की दुकानों से धनिया का बीज भी लिया जा सकता है.
धनिया को बीज से उगाने से पहले धनिया के बीजों को फर्श या किसी सख्त सतह पर डालकर कटोरी की पेंदी या ऐसी ही किसी बराबर सतह वाली चीज़ से थोड़ा सा रगड़ दे जिससे धनिया का प्रत्येक बीज दो भागों में बंट जाए जैसे दालों के बीज दो भागों में बंटे होते हैं. बीज को कुचलना नहीं है, बस सख्त सतह पर किसी चीज से रगड़ना है जिससे ये बीज दो टुकड़ों में बंट जाएं.
अजीब बात है की धनिये के एक बीज से जो आधा भाग होता है धनिया का एक पौधा जमता है. इसी बीज कम लगता है और उसका जमाव भी अच्छा होता है. यदि साबुत धनिया का बीज भी बो दिया जाए तो वह भी उगेगा लेकिन उसके स्फुटित होने में अधिक समय लगता है.
धनिया का बीज स्फुटित होने में लगभग आठ से दस दिन का समय लेता है. इसलिए बीज बोने के बाद धैर्य रखें. अगर आपने अच्छा बीज मंगवाया है तो वह ज़रूर जमेगा.
बीज बोने के एक माह बाद धनिया की पत्ती किसी तेज़ धार वाली छुरी/चाकू से काटकर प्रयोग की जा सकती है. इसे धनिये के पौधे से इस प्रकार काटे कि नीचे से पौधा लगभग एक इंच बचा रहे. इस पौधे में दोबारा पत्तियां निकल आती हैं और इस प्रकार सर्दी के सारे सीज़न बार बार पत्तिया काटी जा सकती हैं.
इसके लिए बेहतर तरीका यह है की चार पाँच गमलों में धनिया इस प्रकार बोएं की एक गमले में धनिया डालने के बाद दूसरे गमले में एक सप्ताह बाद बीज लगाएं. इसी प्रकार हर हफ्ते बोने से धनिया इस प्रकार बढ़ेगा की हमेशा धनिया की हरी पत्ती मिलती रहेगी.
जनवरी फरवरी में धनिया में फूल आने लगता है. इसके बाद धनिया का बीज विकसित होता है. सीज़न समाप्त होने पर इन पौधों से धनिया का बीज प्राप्त होता है.
4. पोदीना Mint
पोदीना उगाना बहुत आसान है. ये कटिंग से उगाया जाता है. कटिंग खोजने के लिए किसी नर्सरी या किसी ऑनलाइन स्टोर से सम्पर्क करने की ज़रुरत नहीं है. बाजार जाइए और हरा ताज़ा साफ सुथरा पोदीना खरीद लाइए. यही पोदीने की कटिंग है. अब इसे ऊपर बताये गये तरीके से तैयार गमले में या ट्रे में लगा दीजिये. आप देखेंगे की ये कटिंग कुछ दिनों में ही जड़ पकड़ लेगी. गमला पोदीने से भर जाएगा.
इस पॉट से लेकर पोदीने को जब चाहें इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे पौधे की निचले भाग को एक इंच के लगभग छोड़ कर काट लीजिए. पौधा घना होता रहेगा और उसमें नयी पत्तियां निकलती रहेंगी.
खुली जगह में लगा पोदीना बरसात का पानी भरने से नष्ट हो जाता है. सर्दी में भी इसकी बढ़वार अच्छी नहीं होती. अगर आपने इन दो सीज़न में पोदीने की देख भाल की तो यह साल भर रह सकता है.
यदि सर्दी में पोदीना समाप्त भी हो जाए तब भी आप उसके पॉट को सूखने न दें. उसे एक आध हफ्ते के बाद हलकी नमी देते रहें. सुबह की धूप दिखाते रहें. पोदीने की जड़ें पॉट में सुप्तावस्था में रह जाती हैं और अगले सीज़न गर्मी का मौसम आने पर उसमें से फिर नये पौधे निकलते हैं.
5. अदरक Ginger
अदरक Ginger भी बहुत आसानी से उगायी जा सकती है. इसके लिए भी अदरक का बीज ढूंढ़ने की ज़रुरत नहीं है. इसके लगाने का सही समय फरवरी, मार्च का है. बाजार से अदरक खरीद लाएं , ध्यान रहे ये अदरक इस प्रकार की हो जिसका छिलका बिना कटा फटा, साफ़ सुथरा हो. फरवरी माह में ऐसी अदरक बाजार में आसानी से मिल जाती है. नवंबर, दिसंबर में मिलने वाली अदरक का छिलका पतला होता है और दुकानदार उसे रगड़ कर उतार देते हैं जिससे अदरक अधिक आकर्षक दिखाई देती है. इस प्रकार की अदरक बोने के काम नहीं आती, ये खराब हो जाती है और इसमें से अंकुर नहीं निकलता.
इस अदरक को आप गमले में बो दें और इंतज़ार करें. मिट्टी में हलकी नमी रहना चाहिए. एक दो माह के बाद अदरक अंकुरित होने लगती है और ये अंकुर बढ़कर अदरक के पौधे बन जाते हैं.
अदरक के पौधे बहुत सुंदर होते हैं. इन्हें कमरे में इंडोर प्लांट की तरह भी रखा जा सकता है. लेकिन इनको खुली हवा और धूप मिलने का प्रबंध भी करना चाहिए. पॉट में समय समय पर गुड़ाई करते रहें और अदरक के पौधों पर थोड़ी सी मिटटी चढ़ा दें इससे पौधे गिरने से भी बचे रहते हैं और उसमें अदरक भी अधिक मात्रा में विकसित होती है.
सितंबर अक्टूबर में अदरक तैयार हो जाती है. इसकी पहचान ये है की अदरक के पौधे पीले पड़कर सूखने लगते हैं. अब इन पौधों को काट दीजिए और मिटटी खोदकर अदरक निकाल लीजिए.
6. मेथी Fenugreek
मेथी Fenugreek बहुत आसानी से उगती है. घरों में इस्तेमाल की जाने वाली साबुत मेथी whole fenugreek seed को गमले में बोया जा सकता है. इसके बोने का सही समय बरसात के बाद सितंबर और अक्टूबर का महीना है. इसे साग के रूप में सब्ज़ी बनाकर खाया जाता है. यदि घर में इस्तेमाल की जाने वाली मेथी पुरानी हो और उसका अंकुरण ठीक से न हो तो बाजार से सब्ज़ी के बीज बेचने वालों से या फिर ऑनलाइन इसका बीज मंगवाया जा सकता है.
ये एक ऐसा पौधा है की इसे बिना मिट्टी के भी पानी में उगाया जाता है. सब्ज़ी के लिए ये विधि अच्छी रहती है. मेथी की बीज को आठ से दस घंटों के लिए पानी में भिगो दें. फिर उन्हे पानी से निकाल कर किसी प्लास्टिक की डलिया में जिसमें बारीक जाली हो बराबर से बिछा दें और ऊपर से एक सूती कपडा ढक दें. कपडे को ऊपर से हल्का सा गीला रखे और देखते रहे की मेथी के बीजों में अंकुरण होने लगा है.
जब बीज अंकुरित होने लगें तो ऊपर से कपडा हटा दें और इस प्लास्टिक की डलिया को एक ऐसे बर्तन के ऊपर रखें जिसमें पानी भरा हो. इसका परपज़ ये है की जब मेथी की जड़ें निकलें तो वह पानी को छूती रहे और उन्हें पानी मिलता रहे.
कुछ दिन बाद मेथी के पौधे बड़े हो जाएंगे और अब उनकी जड़े हटाकर सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस विधि में किसी खाद की ज़रूरत नहीं है. बीज में जो भोजन होता है वही पौधों को बड़ा करने में सहायक होता है. लेकिन इस विधि से पौधे ज़्यादा बड़े नहीं किये जा सकते.
आवश्यक चेतावनी
बोने के लिए जो बीज बाजार में बेचे जाते हैं उनको कीड़ों और फंगस से बचाने के लिए उन पर पेस्टीसाइड लगाया जाता है. आप देखेंगे ये बीज हरे, लाल आदि रंग में रंगे होते हैं. ये बीज ज़हरीले होते है. और खाने के काम में नहीं आते. इन्हें बच्चों की और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें. इनको छूने के बाद भी हाथों को ठीक प्रकार से साबुन से धो लें. ध्यान रहे बीजों पर लगा पायज़न नुकसान कर सकता है.
7. मूली white radish
मूली बहुत आसानी से उगती है. लेकिन इसके लिए बीज बाजार से लेना पड़ेगा. इन बीजों को गमले में एक दूसरे से लगभग चार इंच की दुरी पर बो दें. हलकी सिंचाई करें. तीन से चार दिन में मूली का बीज अंकुरित हो जाता है और इसके पौधे की देख भाल करने पर लगभग एक माह में मूली तैयार हो जाती है.