प्याज़ एक जानी मानी सब्ज़ी है. इसमें तेज़ झरप और गंध होती है जो काटने वाले को आंसू रुलाती है. कभी ये मंहगा हो जाता है और कभी सस्ता. हर हालात में न्यूज़ में रहता है और इस पर राजनीति भी होती है.
ये एक गुणकारी दवा है. स्वाभाव से गर्म होता है. प्याज़ को आग पर गर्म करके फोड़ों पर बंधने से फोड़ों को पका देता है जिससे पलौड़ा फूटकर पस बहने में मदद मिलती है. देहातों में कहावत थी की जिसने बरसात के मौसम में पांच सेर प्याज़ और पांच सेर गुड़ खालिया उसने पांच भैंसों का मक्खन खाने के बराबर शक्ति प्राप्त करली.
दो मीडियम साइज़ के प्याज़ को कुचलकर पानी निकल लिया जाए और उसमें दो चमच शहद मिलकर हलकी आंच पर इतना पकाया जाए कि प्लीज़ का पानी जलकर केवल शहद बाकी रहे, इसके सेवन से शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होती है.
प्याज़ खून को पतला करता है. गर्मी की मौसम में इसका सेवन लू से बचाता है. प्याज़ का रस और कपूर के सेवन से कालरा नहीं होता.
प्याज़ बाल बढ़ाने और उगाने में लाभकारी है. बालखोरे पर कच्ची प्याज़ लगाने से बालखोर ठीक हो जाता है और फिरसे बाल निकल आते हैं.
प्याज़ को काटकर धूप में सुखा लिया जाए और फिर इसे पाउडर बना दिया जाए. प्याज़ का पाउडर, अश्वगंधा का पाउडर, शतावरी का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर इस दावा का एक चमच सुबह और एक
चमच शाम दूध के साथ प्रयोग करने से टॉनिक का कार्य करता है और बीमारीयों से बचाता है.
प्याज़ एक बहु उपयोगी सब्ज़ी ही नहीं ये एक बड़ी दावा है. सावधानी से इसका प्रयोग बहुत से बीमारियों से बचता है.
ये एक गुणकारी दवा है. स्वाभाव से गर्म होता है. प्याज़ को आग पर गर्म करके फोड़ों पर बंधने से फोड़ों को पका देता है जिससे पलौड़ा फूटकर पस बहने में मदद मिलती है. देहातों में कहावत थी की जिसने बरसात के मौसम में पांच सेर प्याज़ और पांच सेर गुड़ खालिया उसने पांच भैंसों का मक्खन खाने के बराबर शक्ति प्राप्त करली.
दो मीडियम साइज़ के प्याज़ को कुचलकर पानी निकल लिया जाए और उसमें दो चमच शहद मिलकर हलकी आंच पर इतना पकाया जाए कि प्लीज़ का पानी जलकर केवल शहद बाकी रहे, इसके सेवन से शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होती है.
प्याज़ खून को पतला करता है. गर्मी की मौसम में इसका सेवन लू से बचाता है. प्याज़ का रस और कपूर के सेवन से कालरा नहीं होता.
प्याज़ बाल बढ़ाने और उगाने में लाभकारी है. बालखोरे पर कच्ची प्याज़ लगाने से बालखोर ठीक हो जाता है और फिरसे बाल निकल आते हैं.
प्याज़ को काटकर धूप में सुखा लिया जाए और फिर इसे पाउडर बना दिया जाए. प्याज़ का पाउडर, अश्वगंधा का पाउडर, शतावरी का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर इस दावा का एक चमच सुबह और एक
चमच शाम दूध के साथ प्रयोग करने से टॉनिक का कार्य करता है और बीमारीयों से बचाता है.
प्याज़ एक बहु उपयोगी सब्ज़ी ही नहीं ये एक बड़ी दावा है. सावधानी से इसका प्रयोग बहुत से बीमारियों से बचता है.
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