बुधवार, 28 दिसंबर 2016

अरण्ड

एरण्ड, एरण्डी, अरण्ड, अण्डउआ एक बहु उपयोगी पेड़ है. इसके फल अरंडी या अंडी  कहलाते हैं. अंडी का तेल या कैस्टर आयल कब्ज़ दूर करने के लिए एलोपैथी में बहुतायत से उपयोग किया जाता है. इसके बीज का बाहरी सख्त छिलका ज़हरीला होता है. इसके बीज खाने से ज़हरीला प्रभाव हो सकता है. इसलिए अंडी को बच्चों के पहुँच से दूर रखें.
इसके पत्ते और जड़ जोड़ों के दर्दों में लाभकारी है. विशेषकर घुटने के दर्द में सरसों का तेल गुनगुना करके नामांक के साथ मालिश के जाए और बाद में अरंड का पत्ता आग पर गर्म करके ऊपर से रख कर गर्म पट्टी लपेट दी जाए तो दर्द ठीक हो जाता है.

जोड़ों के पुराने दर्द और गढ़िया के लिए अरंड की जड़ का पाउडर आम्बा हल्दी के पाउडर के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर और पन्नी के साथ पेस्ट बनाकर थोड़ा गर्म करके जोड़ों पार्क लगा दिया जाता है और ऊपर से पट्टी बांच दी जाती है. सुबह को यह लेप छुड़ा दिया जाए और किसी अच्छे दर्द निवारक तेल के मालिश के जाए तो घुटनों के दर्द में बहुत आराम मिलता है.
कब्ज़ के लिए एक से दो चमच अरंड का तेल गर्म दूध में मिलाकर रात को पीने से कब्ज़ दूर होता है.
अस्थमा के दौरे में अरंड के सूखे पत्तों को तम्बाकू के तरह पीने से आराम होता है.
ध्यान रहे के अरंड एक ज़हरीली दावा है इसलिए खाने पीने में इसका प्रयोग किसी जानकार वैध या हकीम के सलाह से ही करना चाहिए.
अरंड के आयल  में विटामिन ई आयल मिलकर त्वचा पर लगाने से झुर्रियां नहीं पड़ती.
अरंड के तेल में शहद के छत्ते वाला असली मोम गर्म करके मिला दें यह एक प्रकार की क्रीम बन जाएगी।  इसे फटी एड़ियों पर लगाने से एड़ियां ठीक हो जाती हैं. और मंहगी क्रीमों से छुटकारा मिल जाता है.

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