गुरुवार, 7 अगस्त 2025

हरा सेब खाने के फायदे

हरा सेब खाने के फायदे बहुत हैं. सेब की बहुत सी वैराइटी उगाई जाती हैं जिनमें सेब के पकने से पहले जुलाई के महीने में बाजार में हरा सेब मिलने लगता है. इसका रेट कम होने के कारण इसे अमीर गरीब सभी आसानी से खरीद सकते हैं. 

हरा सेब कुदरत का एक वरदान है. यह मज़े में कुछ खट्टा होता है. इसकी चटनी बनाकर भी प्रयोग की जाती है. मुरब्बा बनाने  के लिए हरा सेब बहुत उपयुक्त रहता है. साबुत सेब का मुरब्बा बनाने के लिए हरा कच्चा सेब जो मीडियम आकर का हो प्रयोग किया जाता है. इसे छीलकर पानी में डालते रहते हैं जिससे यह काले न पड़ें. छीलने के लिए भी स्टेनलेस स्टील की छुरी, चाकू का प्रयोग करें. इन्हें अच्छी तरह धोकर पानी में जबतक उबालें कि यह थोड़ा नरम हो जाएं. उसके बाद शकर की चाशनी बनाकर सेब उसमें डाल दें. 

अगर आपने ठीक प्रकार सेब के लिए चाशनी बनाई है तो यह मुरब्बा खराब नहीं होता. फिर भी अगर सड़ने से बचाना हो तो फ्रिज में रखें. इसके अतिरिक्त बाजार के मुरब्बे में सड़ने से बचाने के लिए सोडियम बेंजोएट का प्ररोग किया जाता है. 

इसी प्रकार सेब को छोटा काटकर जैम भी बनाया जा सकता है. जैम एक पेस्ट जैसा होता है. 

सेब का मुरब्बा दिल और दिमाग की ताकत के  लिए फायदेमंद है. यह पेट को भी साफ़ रखता है और इसमें आवश्यक विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं. सबसे बढ़कर यह की घर का बनाया मुरब्बा अनावश्यक रंगों और केमिकल से भी बचा रहता है. 

कच्चा हरा सेब आँखों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके खाने से खून पतला रहता है और दिल के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. 
 

सोमवार, 4 अगस्त 2025

खुरफ़ा जंगली Purslane नोनिया का साग

 खुरफ़ा जंगली को लोनिया का साग या नोनिया भी कहते हैं. इसे भी साग सब्ज़ी की तरह पकाकर खाया जाता है.  जड़ी बूटी के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है. 

बाजार में जो कुलफा का साग मिलता है वह बड़े पत्ते वाला होता है. जंगली कुलफा या खुरफा छोटी पत्ती  वाला होता है. इसमें पीले फूल खिलते हैं. इसे नोनिया, या नोनिया का साग भी कहते हैं. 


यह खेतों में, खाली पड़े स्थानों में, गमलों में अपने आप उग आता है. इसके उगने का समय मार्च अप्रेल से जुलाई अगस्त तक है.  इसे बड़े चाव से लोग सब्ज़ी के रूप में  खाते हैं. 

जंगली लुनिया लाल रंग के फूलों वाली और नोनिया पीले फूल वाला दोनों  एक ही कुल के पौधे हैं. इसलिए इनका स्वभाव भी एक है. इसमें पानी  की मात्रा अधिक और पौष्टिक पदार्थ कम होते हैं. इसलिए यह मोटे लोगों के लिए फायदेमंद है. इसके खनिज पदार्थ जैसे मैगनीशियम, लोहा और कैल्शियम सेहत को दुरुस्त और हड्डियों, दांतो के लिए फायदेमंद है. 

यह सुपाचक है इसलिए पाचन तंत्र की समस्याओं के लिए लाभकारी है. 

लेकिन ध्यान रखें इसमने अक्ज़िलेट होता है जो गुर्दे की पथरी वाले मरीज़ों के लिए नुकसानदेह है. 

बुधवार, 30 जुलाई 2025

दस बजे का फूल, लुनिया जंगली (Portulaca)

 लुनिया जंगली एक छत्तेदार बूटी है जो बरसात में उगती है. यह पोर्टुलका ग्रान्डीफ्लोरा  की एक जंगली वैराइटी है. यह पार्टलेकैसी कुल का पौधा है. आम भाषा में इसे लुनिया कहते हैं. पोर्टुलका ग्रान्डीफ्लोरा के पौधे सुंदरता के लिए घरों में लगाए जाते हैं. इसमें खूबसूरत गुलाब से मिलते जुलते फूल खिलते हैं. इसकी पत्तियां मांसल, लम्बे आकर की होती हैं और यह पौधा घास की तरह ज़मीन पर फैलता है. 


इसे आसानी से कटिंग से लगाया जा सकता है. इसकी शाखा को ज़मीन में लगा देने से वह बहुत जल्दी जड़ पकड़ लेता है और फूल भी जल्दी खिलने लगते हैं. यहां पर लुनिया जंगली का फोटो दिया जा रहा है. इसी प्रकार के पौधे में घनी पंखुड़ियों वाले फूल खिलते हैं. यह जंगली वैराइटी है इसलिए इसके फूल इकहरी पत्ती के और छोटे आकर के हैं. इसे दस बजे का फूल भी कहते हैं क्योंकि यह दिन में दस बजे के लगभग खिलता है. 

 इसी पार्टलेकैसी कुल का दूसरा पौधा  पोर्टुलका ओलेरेसिया है जिसे परसले कहते हैं. आम भाषा में खुरफा का साग के नाम से बाजार में मिलता है. इसके पत्ते भी मांसल लेकिन आगे से नुकीले होने के बजाय गोलाई लिए होते हैं. इसकी जंगली वैराइटी को लोनिया का साग या नोनिया का साग कहते हैं और इसे सब्ज़ी की तरह इस्तेमाल करते हैं.  बाजार में मिलने वाला खुरफा, या कुल्फ़ा का साग बड़े पत्तों का होता है और जंगली उगने वाला कुल्फ़ा छोटे आकर के पत्तों का होता है. दोनों में पीले फूल खिलते हैं. 

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