पोई की बेल बरसात में उगने वाली बेल है. इसका तना लाल रंग का होता है. पत्तियां गहरे हरे रंग की किनारों पर लाली लिए होते हैं. इसके पत्ते पालक के तरह मोटे लेकिन आकर में पालक के पत्तों से कहीं छोटे दिल के आकर के होते हैं. इसे मालाबार रेड स्पिनॉच यानि मालाबार का लाल पालक भी कहते हैं. आम भाषा में इसे पोई के बेल के नाम से जानते हैं.
ये एक जंगली पौधा है. इसे गरीबों का साग भी कहते हैं. लोग इसके पत्तों की सब्ज़ी बनाकर कहते हैं. ये विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है. इसमें लोहा भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. सब्ज़ी के रूप में इसका प्रयोग बहुत सी बीमारियों से बचाता है. ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाता है और रक्त में थक्का नहीं बनने देता.
पोई डायूरेटिक यानि पेशाब लाने वाली है. इसमें डाइटरी फाइबर के कारण कब्ज़ को दूर करती है. गरीबों के लिए ये भरपूर भोजन है जो विटामिन की कमी दूर करके उन्हें स्वस्थ रखती है. इसकी बेले बरसात में खुद- ब - खुद उग आती हैं. इसलिए ये फ्री का भोजन है लेकिन बहुत लाभकारी है.
अजीब बात ये है के ये मामूली बेल पोई न केवल हार्ट की बीमारियों से बचाती है, ये आंत के कैंसर विशेषकर कोलन के कैंसर से भी बचाती है. पोई का प्रयोग स्किन और म्यूकस मेम्ब्रेन को स्वस्थ रखता है.
ये एक जंगली पौधा है. इसे गरीबों का साग भी कहते हैं. लोग इसके पत्तों की सब्ज़ी बनाकर कहते हैं. ये विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है. इसमें लोहा भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. सब्ज़ी के रूप में इसका प्रयोग बहुत सी बीमारियों से बचाता है. ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाता है और रक्त में थक्का नहीं बनने देता.
पोई डायूरेटिक यानि पेशाब लाने वाली है. इसमें डाइटरी फाइबर के कारण कब्ज़ को दूर करती है. गरीबों के लिए ये भरपूर भोजन है जो विटामिन की कमी दूर करके उन्हें स्वस्थ रखती है. इसकी बेले बरसात में खुद- ब - खुद उग आती हैं. इसलिए ये फ्री का भोजन है लेकिन बहुत लाभकारी है.
अजीब बात ये है के ये मामूली बेल पोई न केवल हार्ट की बीमारियों से बचाती है, ये आंत के कैंसर विशेषकर कोलन के कैंसर से भी बचाती है. पोई का प्रयोग स्किन और म्यूकस मेम्ब्रेन को स्वस्थ रखता है.