अश्वगंधा एक छोटा हर्ब है. इसे दवाई के लिए उगाया भी जाता है और ये जंगली पौधों की तरह भी उगता है. इसके फल या बीज पककर लाल रंग के हो जाते हैं और रसभरी की तरह एक कवर में बंद होते हैं. इनका आकार मकोय के बराबर होता है. इन फांफ में छोटे बीज भरे होते हैं.
इसकी जड़ों को दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसकी ताज़ी जड़ों से घोड़े की गंध आती है इसलिए इसे अश्वगंधा या घोड़े की गंध वाली बूटी कहते हैं. इस पौधे से पुराने वैद्य खूब वाकिफ थे और वे ही इसे दवाई के रूप में प्रयोग करते थे. फिर इस दवा को हकीमों ने इस्तेमाल करना शुरू किया और वे भी इसके गुणों से परिचित हो गये और उन्होंने माना की अश्वगंधा कमाल की दवा है.
इसे हकीमों ने असगंध कहा और यही नाम प्रचलित हो गया. नागौर के इलाके की अश्वगंधा बहुत कारगर मानी जाती है इसलिए हकीम इसे असगंध नागौरी लिखते हैं.
बाजार में ये छोटी लकड़ियों के रूप में मिलती है. ये इसकी सुखी जड़ें होती हैं. इनका रंग क्रीम, भूरा होता है. पीसने पर आसानी से पिस कर पाउडर बन जाती हैं. इनमें रेशे भी नहीं होते. बाजार में इसका पाउडर भी मिलता है जिससे कूटने पीसने के झंझट से छुटकारा मिल जाता है.
अश्वगंधा का इस्तेमाल घोड़े की तरह बल उतपन्न करता है. इसका पाउडर 1 से 3 ग्राम की मात्रा तक उपयोग किया जा सकता है. ये रक्त में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है और मांस पेशियों को मज़बूत करता है.
जो लोग नींद की कमी, बेचैनी, घबराहट, डिप्रेशन का शिकार हैं अश्वगंधा उनके लिए बहुत लाभकारी टॉनिक का काम कर सकता है.
इसके इस्तेमाल से दिल की ही नहीं, दिमाग की सेहत भी दुरुस्त रहती है. ये पुरुषों में कामोद्दीपन करने में सक्षम है. इससे टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ती है और ज़िंदगी जीने की इच्छा बलवती होती है. जो लोग ज़िंदगी से मायूस हो चुके हों अश्वगंधा उनका बेहतरीन साथी है. ये मूड को फ्रेश करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है.
ये जोड़ों के दर्दों, कमर दर्द, स्त्रियों के श्वेत प्रदर, की अचूक दवा है. अश्वगंधा और सुरंजान का चूर्ण समान मात्रा में मिलकर खाने से जोड़ों और कमर के दर्द से छुटकारा मिल जाता है.
ये लिवर के लिए भी अच्छी दवा है. शरीर से ज़हरीले माद्दे निकलकर शरीर को डिटॉक्स कर देता है.
होम्योपैथी वाले भी इसे इस्तेमाल कर रहे हैं. अश्वगंधा मदर टिंक्चर में बाजार में मिलता है.
अजीब बात है कि अश्वगंधा की जड़ों में बहुत गुण हैं लेकिन इसके फल और बीज अगर खाए जाएं तो बहुत नुक्सान करते हैं. उलटी और पेट में दर्द शुरू हो जाता है.
अश्वगंधा को किसी काबिल हकीम या वैद्य की निगरानी में ही इस्तेमाल करें.
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