लेमन ग्रास एक माध्यम ऊंचाई का पौधा है. घास की तरह ही इसकी पत्तियां जड़ों से निकलती हैं. ये पत्तियां पतली, लम्बी और और नाज़ुक होती हैं इसलिए ये अगले हिस्से में मुड़कर नीचे की तरफ पलट जाती हैं. कुछ बीच में से टूट जाती हैं. इसमें नीबू की खुशबु आती है. इसीलिए इसे लेमन ग्रास या नीबू घास कहते हैं. इसका वनास्पतिक नाम Cymbopogon citratus है.
लेमन ग्रास कमाल का पौधा है. इसे नरसरी से आसानी से खरीदा जा सकता है. इसे गमले में लगाकर इनडोर भी रख सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि इसे खिड़की के पास की थोड़ी धूप मिलना ज़रूरी है.
लेमन ग्रास में जीवाणुओं और फफूंद को नष्ट करने के गुण हैं. इसके पास मच्छर और कीड़े मकोड़े नहीं आते. मच्छरों को भगाने के लिए लेमन ग्रास से अधिक प्रभावशाली सिट्रोनेला है. ये भी इसी कुल का पौधा है. इसकी बनावट और इसकी पत्तियां भी लेमन ग्रास की तरह होती हैं. लेकिन सिट्रोनेला के पौधे की पत्तियों के डंठल लाल गुलाबी रंग लिए होते हैं और इसकी गंध बहुत तेज़ होती है.
लेमन ग्रास की चाय जो थोड़ी पत्तियों को पानी में पकाकर बनायी जाती है शुगर घटाने, मोटापा कम करने और लिपिड घटाने के लिए कारगर है. इस जड़ी बूटी में शोथ या सूजन घटाने के भी गुण हैं.
लेमन ग्रास का प्रयोग बहुत थोड़ी मात्रा में सलाद में, चटनी में और खाने में किया जाता है. लेकिन कुछ लोगों को इसके प्रयोग से एलर्जी हो सकती है. जी मिचलाना, त्वचा पर दाने निकलना, खुजली, पेट की खराबी, दस्त आदि हो जाते हैं. इसलिए इसका प्रयोग खाने में हितकर नहीं है.
सिट्रोनेला का वनास्पतिक नाम Cymbopogon nardus है. ये भी लेमन ग्रास कुल का पौधा है. कुछ लोग लेमन ग्रास को ही सिट्रोनेला समझ लेते हैं. सिट्रोनेला अपने एसेंशियल ऑयल की वजह से मशहूर है. श्री लंका का सिट्रोनेला ऑयल बहुत अच्छा माना जाता है. इसका प्रयोग सुगंध के रूप में, कमरे को सुगन्धित रखने, कपड़ों में, सर दर्द को आराम देने और मूड को फ्रेश रखने के लिए किया जाता है. पानी में डालकर नहाने से दाने खुजली और फफूंद जनक रोग नष्ट हो जाते हैं.
मच्छरों को दूर रखने के लिए सिट्रोनेला ऑयल, यूक्लिप्टिस ऑयल को वाइट ऑयल में मिलाकर या फिर नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से मच्छर पास नहीं आते. सिट्रोनेला ऑयल मिलाकर मोमबत्ती भी बनायी जाती है जिसको जलाने से मच्छर भागते हैं.
मार्केट में सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल आसानी से मिल जाता है. लेकिन इसे कदापि खाने में प्रयोग न करें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
अजीब बात है की सिट्रोनेला के पौधों को जानवर नहीं खाते. इनका स्वाद गंध और ऑयल की वजह से अच्छा नहीं होता. कहते हैं जानवर चाहे भूखा मर जाए सिट्रोनेला नहीं खाएगा। इसलिए जो लोग बगीचे में जानवरों से परेशान हैं उन्हें किनारों पर सिट्रोनेला लगाना चाहिए.
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