पेठा एक जाना माना फल है. इसे कुम्हड़ा और कुम्हड़ा भी कहते हैं. इसका नाम कुष्मांडा भी है लोग पेठे का प्रयोग मिठाई के रूप में करते हैं. इसकी मिठाई बनायीं जाती है जो स्वादिष्ट होती है. इसकी सूखी मिठाई बहुत दिनों तक सुरक्षित रह सकती है.
उड़द दाल के साथ पेठा मिलाकर बड़ियाँ भी बनायीं जाती है. जो सब्ज़ी के रूप में प्रयोग की जाती हैं. और खाने में स्वादिष्ट लगती हैं.
पेठे में पानी के मात्रा अधिक होती है. इसका गूदा मुलायम होता है लेकिन इसके रेशे कड़े होते है. जो खाने में करकर बोलते हैं. इस डाइटरी फाइबर के कारण ही पेठा आंतो में जमी गंदगी निकल देता है. इसका डाइटरी फाइबर ही इसका विशेष गुण है. पेठे का स्वाभाव ठंडा और तर है. गर्मी के दिनों में इसके मिठाई का इस्तेमाल गर्मी के दुष्प्रभाव से बचता है और सर को ठंडा रखता है. पेठा लू लगने से बचाता है. इसमें मिनरल पाये जाते है जो शरीर को बहुत सी बीमारियों से बचाते हैं. पेठे के सब्ज़ी बनाकर खाने से शरीर को ताकत तो मिलती है लेकिन वज़न कंट्रोल में रहता है.
जिन लोगों का मिज़ाज ठंडा है उनके लिए पेठा फायदेमंद नहीं है. जो लोग डायबेटीस का शिकार हैं वे भी पेठे की मिठाई खाने से बचें क्योंकि इसमें बहुत मात्रा में शकर का प्रयोग किया जाता है.
उड़द दाल के साथ पेठा मिलाकर बड़ियाँ भी बनायीं जाती है. जो सब्ज़ी के रूप में प्रयोग की जाती हैं. और खाने में स्वादिष्ट लगती हैं.
पेठे में पानी के मात्रा अधिक होती है. इसका गूदा मुलायम होता है लेकिन इसके रेशे कड़े होते है. जो खाने में करकर बोलते हैं. इस डाइटरी फाइबर के कारण ही पेठा आंतो में जमी गंदगी निकल देता है. इसका डाइटरी फाइबर ही इसका विशेष गुण है. पेठे का स्वाभाव ठंडा और तर है. गर्मी के दिनों में इसके मिठाई का इस्तेमाल गर्मी के दुष्प्रभाव से बचता है और सर को ठंडा रखता है. पेठा लू लगने से बचाता है. इसमें मिनरल पाये जाते है जो शरीर को बहुत सी बीमारियों से बचाते हैं. पेठे के सब्ज़ी बनाकर खाने से शरीर को ताकत तो मिलती है लेकिन वज़न कंट्रोल में रहता है.
जिन लोगों का मिज़ाज ठंडा है उनके लिए पेठा फायदेमंद नहीं है. जो लोग डायबेटीस का शिकार हैं वे भी पेठे की मिठाई खाने से बचें क्योंकि इसमें बहुत मात्रा में शकर का प्रयोग किया जाता है.
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