मंगलवार, 12 जुलाई 2022

सजावटी पौधे

 बरसात में पौधों को उगाना आसान होता है. घरेलु बगीचों में सुंदरता के लिए पौधे लगाए जाते हैं.  जिन घरों में जगह कम हो वहां छत पर या बालकनी में भी पौधे लगाए जाते हैं. कुछ बेलें ऐसे होती हैं जो किसी कोने, किनारे में भी लग जाती हैं. 

मनी प्लांट 
घरों के लिए ऐसे पौधे अच्छे हैं जिन्हें ज़्यादा देख भाल की ज़रूरत न हो. मनी प्लांट एक ऐसा ही पौधा है जो आसानी से लग जाता है.  मनी प्लांट को Pothos, Epipremnum aureum, Devil's Ivy  भी कहते हैं. ये किसी गमले, किसी बोतल में या फिर ज़मीन में उगाया जा सकता है. इसे लगाना बहुत आसान है. बस इसकी एक छोटी शाखा हासिल कर लीजिए और उसे किसी गमले में लगा दीजिए. बरसात के मौसम में ये बहुत जल्दी जड़ पकड़ लेता है और बेल की तरह बढ़ने लगता है. 

अधिक सुंदर दिखने के लिए इसके गमले में मॉस स्टिक लगाकर इस बेल को उसपर चढ़ा दीजिए. इससे इसके पत्ते बड़े हो जाते हैं क्योंकि इसकी हवाई जड़ें मॉस स्टिक से भी नमी लेती हैं और डबल न्यूट्रीशन से इसके पत्ते खूब बढ़ते हैं. 

यदि इसे किसी बड़े वृक्ष पर चढ़ा दिया जाए तो इसके पत्ते एक से डेढ़ फुट के आकार तक बड़े हो जाते हैं. मैंने अपलने घर में मनी प्लांट को आम के वृक्ष पर चढ़ा रखा था. देखने वाले इसे मनी प्लांट के बजाय कोई और पौधा समझते थे. क्योंकि पत्तों का आकार बहुत बड़ा, बेल बहुत मोटी और रंग बहुत खिलता हुआ था. मनी प्लांट को पोथोस भी कहते हैं. 

सिंगोनियम
बेल की शक्ल में एक खूबसूरत पौधा और है जिसे सिंगोनियम कहते हैं. इसे एरोहेड प्लांट भी कहते हैं. इसके पत्ते तीर की तरह नुकीले होते हैं. ये भी आसानी से लग जाता है. बस इसका एक टुकड़ा काफी है जो गमले में लगा दिया जाए. इसे भी मॉस स्टिक पर चढ़ाना चाहिए. ये पौधा बहुत छोट पत्ते, मीडियम पत्ते और बड़े पत्तों के आकर वाला होता है. जैसे जगह हो वैसा पौधा लगाएं. 

कोलियस

कोलियस ऐसा पौधा है जिसे बरसात में लगाना चाहिए. ये कटिंग से लगाया जाता है. वैसे इसके बीज भी होते हैं लेकिन बीजों से उगना थोड़ा कठिन काम है. इसके पौधों को बरसात में लगाएं. आसानी से लग जाता है. इसके रंग बहुत खूबसूरत होते हैं.

कोलियस के पौधे के आखिरी सिरे पर लम्बे गुच्छो में फूल आते हैं जिनमें बीज बनते हैं. अगर पौधे के खूबसूरती बरकरार रखना है तो इन फूलों को कटर से काटकर अलग करदें. क्योंकि फूलों के आने और बीज बनने से पौधे की पत्तियों में खूबसूरती बाकी नहीं रहती. 

ये पौधा न सिर्फ सुंदर पतियों की वजह से जाना जाता है बल्कि आसानी से लग जाता है. थोड़ा ध्यान रखा जाए तो कोलियस बाजार से एक बार खरीदने  के बाद हमेशा रहता है. कोलियस बहुत से रंगों में उपलब्ध है. इसकी खूबसूरत पत्तियां ही इसकी पहचान हैं. ये साल भर रह सकता है अगर इसकी अच्छी देखभाल  की जाए. इसे अधिक पानी और बहुत देखभाल की आवश्यकता नहीं है. इसके गमले में गोबर की खाद डालने से पौधा अच्छी तरह बढ़ता है. 

अगर इसे लगाकर इसकी अच्छी प्रूनिंग कर पौधा बढ़िया शक्ल में बनाया जाए तो अक्टूबर, नवंबर में इस पौधे पर शबाब होता है. जाड़ों में इसके रंग और खूबसूरत लगते हैं. ये पौधा साल दो साल रह सकता है. लेकिन अच्छे परिणाम के लिए हर साल इसके नए पौधे लगाएं. 

अगावे

अगर आप चाहते हैं की पौधे की कम देख भाल करना पड़े तो सकलेंट किस्म के पौधे लगाएं. इस प्रकार का एक पौधा अगावे है जो कई वैराइटी में मिलता है. इसे कम पानी चाहिए. ज़्यादा पानी में इसकी जड़ें सड़ जाती हैं.


बरसात में इसे वाटर लाग्गिंग से बचाएं. इसकी पत्ती के सिरे पर एक कांटा होता है. इससे भी बचाव रखें. कभी ये गमले की देख भाल करते समय आंख में भी चुभ गया है. बच्चों को भी इससे दूर रखें. 

गुले फानूस 

गुले फानूस एक बहुत खूबसूरत झड़ी नुमा पौधा है. इसे Lagerstroemia Indica, Crepe myrtle भी कहते हैं. इसके फूल फानूस के आकार के होते हैं. ये गुलाबी और सफ़ेद रंग में मिलता है. ये पौधा बीज से उगाया जाता है. इसके पौधे में बहुत बीज लगते हैं जिनसे आसानी से पौधे उग आते हैं. ये अप्रेल, मई में खिलना शुरू हो जाता है और गुच्छेदार फूलों से भर जाता है. इसके फूल सितंबर अक्टूबर तक खिलते रहते हैं. इसे बंगलों के गेट पर लगाने से बहुत सुंदर दृश्य उत्पन्न होता है. 



बुधवार, 18 मई 2022

खोकली (Acalypha indica)

 खोकली एक जाना माना हर्ब है जो जंगलों, खेतों और बागीचों में उगता है. इसके उगने और फलने फूलने का समय अप्रैल से सितंबर, अक्टूबर तक है. इसके पत्तों का रंग हरा, खिलता हुआ होता है और ऊपर से देखने पर इसका पौधा छत्तेदार या छतरी के आकर में दिखाई देता है. 


इसके छोटे फूल और छोटे फल जिसमें बीज होते हैं पौधे के तने पर निचली तरफ लगते हैं. इस पौधे की पत्तियां कुछ लोग सब्ज़ी के रूप में खाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इसके पौधे में साइनाइड का अंश भी होता है इसलिए इसका इस्तेमाल सोच समझकर करना चाहिए. 
खोकली का आम इस्तेमाल फेफड़ों से खून आने में रोकने के लिए किया जाता है. इस पौधे की गुणवत्ता देखते हुए होम्योपैथी में भी इसकी दवा बनायी गयी जो एकलिएक देसी दवा कंपनी में फा इंडिका के नाम से प्रसिद्ध है. सुखी खांसी, फेफड़ों से खून आना, दुबला होते जाना, सुबह उठने पर शरीर में ताकत न महसूस होना आदि इसके लक्षण हैं. 
इस लक्षणों के कारण इसे टीबी के इलाज में प्रसिद्धि मिली. डाक्टर की  सलाह से अन्य दवाओं के साथ इस दवा के मदर टिंक्चर का इस्तेमाल टीबी के इलाज में कारगर साबित हुआ है. ये दवा मदर टिंक्चर के आलावा पोटेंसी में 10 एम तक उपलब्ध है. 
देसी इलाज में त्वचा को रोगों में जैसे खुजली, दाद, खुश्की आदि में इसके पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ मिलता है. पत्तों को पीसकर सर में लगाने से बालों की खुश्की/रुसी जाती रहती है. 
इसके पत्तों का सावधानीपूर्ण इस्तेमाल कैंसर जैसे भयानक रोग से बचा सकता है, इसमें कैंसररोधी, शोथरोधी और रक्तस्राव को रोकने के गुण हैं. 
ये एक अजीब हर्ब है. इसकी सूखी जड़ों की ओर बिल्ली उसी तरह आकर्षित होती है जैसे बिलाइलोटन नाम के हर्ब पर बिल्ली लोटती है. 

बुधवार, 19 जनवरी 2022

हालिम Garden Cress Seeds

 हालिम एक बीज है जो दवाओं और घरेलू रेसिपी में इस्तेमाल होता है. ये लाल रंग के छोटे बीज होते हैं. बाज़ार में हालिम, हलीम, हालों, चैनसुर, चंद्रशूर के नाम से मिल जाते हैं. ये गार्डेन क्रिस के बीज हैं जो सलाद के लिए उगाया जाता है. इस पौधे की पत्तियों का स्वाद तीखा होता है. इसके  मिर्च जैसे  स्वाद के कारन इसे सलाद में और खाने की डिश में इस्तेमाल किया जाता है. 

हालिम के बीजों को अगर पानी में भिगोया जाए  तो ये फूल जाते हैं और लेसदार/चिपचिपे हो जाते हैं. बिलकुल इसी तरह जैसे पानी में भिगोने पर इसबगोल बीज या इसबगोल का सत चिपचिपा हो जाता है. हालिम के बीजों को इस्तेमाल करने से पहले इसे कुछ देर पानी में भिगो दिया जाता है और फिर इसे दूध में या पानी में मिलकर पिया जाता है. कहते हैं की इसमें इतने गुण हैं कि इसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. एक बार में हालिम के बीज एक से दो चमच तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं. ये कैल्शियम का खज़ाना है. इसमने बहुत से मिनरल और आइरन है. अनेकों विटामिन हैं. इसके इस्तेमाल से खून की कमी दूर होती है. शरीर को बल मिलता है. हालिम का स्वभाव गर्म है. प्रसूता महिलाओं को इस्तेमाल कराने  से शरीर की अच्छी सफाई कर देता है और प्रसूत की बीमारियां नहीं होतीं. गर्भवती महिलाओं को इसके प्रयोग से नुक्सान हो सकता है. 


सर्दी के दिनों में गर्म दूध के साथ हालिम का इस्तेमाल रात  को सोते समय करने से सर्दी को रोगों, ज़ुकाम, खांसी से बचाव रहता है. लेकिन हालिम के बीज को पहले पानी या दूध में लगभग एक घंटा भिगोकर इस्तेमाल करें. कभी भी इस दवा को सूखा नहीं खाना  चाहिए. 

अपने चिपचिपे स्वाभाव के कारण हालिम आंतों की खुश्की दूर कर देता है. कब्ज़ में  भी राहत दिलाता है. बच्चों को देने से लम्बाई बढ़ने में मददगार साबित होता है. 

इसका सलाद भी स्वादिष्ट होता है. लेकिन इसे मिर्च की तरह ही कम मात्रा में खाना चाहिए. अधिक इस्तेमाल से पेट में जलन पड़ सकती है और स्किन की बीमारियां हो सकती हैं. 

हालिम का प्रयोग केवल खाने में ही नहीं किया जाता. ये लगाने की भी दवा है. मोच आने पर ये हड्डी में बाल पड़ जाने पर हालिम, हल्दी और चूने का पेस्ट बनाकर, उसमें थोड़ा सा साबुन मिलाकर पकाएं और मोच/ चोट  की जगह हल्का गर्म लगाकर पट्टी बांध दें. कहते हैं यदि हड्डी को सेट करके ये प्रयोग किया जाए तो टूटी हड्डी भी जुड़ जाती है.  


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