सोमवार, 2 जनवरी 2017

खट्टी बूटी

ये बूटी आम भाषा में खट्टा स्वाद होने के कारण खट्टी बूटी और खटकल के नाम से जानी जाती है. तीन पत्तियों के कारण तिपतिया, और अंग्रेजी भाषा में  वुड सोरेल, या ऑक्ज़ेलिस के नाम से प्रसिद्ध है. ये गीली और नम जगहों पर उगती है. इसे छायादार स्थान और नमी पसंद है. क्यारियों और खली पड़ी जगहों पर बहुतायत से उग आती है.
इसकी बहुत से प्रजातियां हैं. आम तौर  से छोटे छोटे पीले फूल वाली बूटी पायी जाती है. लाल रंग के फूल और सफ़ेद की वैराइटी भी पायी जाती हैं. इसमें छोटी फलियां लगती हैं. जिनमें बारीक बीज होते हैं. फलियां चटककर बीज बिखर जाते हैं और नए पौधे जमते हैं.

इसका खट्टापन ऑक्ज़ेलिक एसिड के कारण होता है. इसका अजीब प्रयोग मधु मक्खी और कीड़े मकौड़ों के काटने में होता है और बड़ा कारगर है. यहाँ तक की बिच्छू के काटने पर भी असरदार पाया गया है. काटी  हुई जगह पर इसकी पत्तियों को रगड़ने से दर्द और जलन जाती रहती है. ये प्रयोग बहुत लोगों पर कारगर सिद्ध हुआ है.


इसका स्वाभाव ठंडा है. प्यास को शांत करती है. इसे खाने से बार बार प्यास नहीं लगती. लू लगजाने पर इसकी चटनी बनाकर खाने से आराम मिलता है.
गठिया के रोगियों, वे लोग जिनके गुर्दे या पित्ते में पथरी हो, को ये बूटी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसे मरीजों को ये बूटी नुकसान करती है.
इसका इस्तेमाल काम मात्रा में फ़ायदा पहुंचता है. ऑक्ज़ेलिक एसिड की वजह से ज़्यादा इस्तेमाल नुकसानदेह होता है. पेशाब जलन के साथ आने लगता है. एसिडिटी के रोगी भी इसे इस्तेमाल न करें.


शनिवार, 31 दिसंबर 2016

प्याज़

प्याज़ एक जानी मानी सब्ज़ी है. इसमें तेज़ झरप और गंध होती है जो काटने वाले को आंसू रुलाती है. कभी ये मंहगा हो जाता है और कभी सस्ता. हर हालात में न्यूज़ में रहता है और इस पर राजनीति  भी होती है.

ये एक गुणकारी दवा है. स्वाभाव से गर्म होता है. प्याज़ को आग पर गर्म करके फोड़ों पर बंधने से फोड़ों को पका  देता है जिससे पलौड़ा फूटकर पस बहने में मदद मिलती है. देहातों में कहावत थी की जिसने बरसात के मौसम में पांच सेर प्याज़ और पांच सेर गुड़ खालिया उसने पांच भैंसों का मक्खन खाने के बराबर शक्ति प्राप्त करली.
दो मीडियम साइज़ के प्याज़ को कुचलकर पानी निकल लिया जाए और उसमें दो चमच शहद मिलकर हलकी आंच पर इतना पकाया जाए कि प्लीज़ का पानी जलकर केवल शहद बाकी रहे, इसके सेवन से शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होती है.

प्याज़ खून को पतला करता है. गर्मी की मौसम में इसका सेवन लू से बचाता  है. प्याज़ का रस और कपूर के सेवन से कालरा नहीं होता.
प्याज़ बाल बढ़ाने और उगाने में लाभकारी है. बालखोरे पर कच्ची प्याज़ लगाने से बालखोर ठीक हो जाता है और फिरसे बाल  निकल आते हैं.
प्याज़ को काटकर धूप  में सुखा लिया जाए और फिर इसे पाउडर बना दिया जाए. प्याज़ का पाउडर, अश्वगंधा का पाउडर, शतावरी का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर इस दावा का एक चमच सुबह और एक

चमच शाम दूध के साथ प्रयोग करने से टॉनिक का कार्य करता है और बीमारीयों से बचाता  है.
प्याज़ एक बहु उपयोगी सब्ज़ी ही नहीं ये एक बड़ी दावा है. सावधानी से इसका प्रयोग बहुत से बीमारियों से बचता है.


शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

ज़मींकंद

ज़मींकंद का पौधा बरसात में उगता है और बरसात गुजरने के बाद सूख जाता है. इसका कंद ज़मीन में रह जाता है. ये एक प्रकार का ट्यूबर है जो गोलाई लिए टेढ़े मेढ़े आकर का होता है. इसका मज़ा बहुत तिक्त और मुंह में जलन डालने वाला होता है.   इसकी सब्ज़ी बनाकर खायी जाती है. इसका स्वाद बहुत ज़्यादा जलन डालने वाला होता है. कि इसका इस्तेमाल करने से पहले इसके टुकड़ों को इमली के साथ उबाला जाता है जिससे इसका स्वाद ज़्यादा तेज़ न रहे. इमली न मिलने पर नीबू के साथ भी उबाल सकते हैं.

जमीकंद स्वाभाव से बहुत गर्म है. गर्म स्वाभाव के लोगों को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे लोग जो चर्म रोगों से ग्रस्त हों उनको भी ये नुकसान करता है.
जमीकंद खून को पतला करता है. हार्ट के ऐसे मरीजों को जो खून का थक्का बनने की बीमारी से ग्रस्त हैं ये लाभकारी सिद्ध होता है. ब्लड फ्लो बढ़ाने के कारण ये मेंस्ट्रुएशन के दौरान और लाक्टेटिंग वीमेन को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
पेट के अल्सर से ग्रस्त मरीजों को भी ये अल्सर से ब्लीडिंग बढाकर नुकसान कर सकता है.
सर्दी से होने वाले रोगों जैसे अस्थमा, साँस फूलना, ब्लड का गाढ़ा होना, शरीर में वाइटल हीट के कमी में इसका प्रयोग बहुत लाभकारी है.
ये कब्ज़ को दूर करता है. इसका प्रयोग गर्मी के मौसम में न करे. सर्दी के मौसम में भी इसका प्रयोग सावधानी से करने पर ये एक बहुत लाभकारी दवा है.

Popular Posts

महल कंघी Actiniopteris Radiata

महल कंघी एक ऐसा पौधा है जो ऊंची दीवारों, चट्टानों की दरारों में उगता है.  ये छोटा सा गुच्छेदार पौधा एक प्रकार का फर्न है. इसकी ऊंचाई 5 से 10...