रीठा एक पौधे का गोल फल है. इसे अंग्रेजी में सोपनट कहते हैं. इसकी ऊपरी सतह सुकड़ी हुई होती है. इसका रंग कला, भूरा और कुछ पीलापन लिए होता है. बाजार में इसका सूखा फल मिलता है और यही प्रयोग किया जाता है.
रीठा एक नेचुरल साबुन है. इसमें बहुत झाग होता है. पानी के साथ मिलकर इसका ऊपरी छिलका झाग बनता है. इसे बहुतायत से बालों को धोने यानि हेयर वाश और शैम्पू की तरह इस्तेमाल किया जाता है. रीठा अकेला या फिर शीकाकाई के साथ मिलकर शैम्पू की तरह इस्तेमाल होता है.
रीठा बालों के रंग को हल्का कर देता है. रीठे से बाल धोने से कुछ दिनों के बाद बाल काले से भूरे पड़ जाते हैं. आजकल भूरे और सुनहरे बालों का चलन है इसके लिए किसी भी अन्य प्रोडक्ट से बालों को सुनहरा और भूरा करने के लिए रीठा सबसे बेहतर दवा है. रीठा उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके बालों में चिपचिपापन रहता हो या जिनके सर की त्वचा तैलीय हो. रीठा इस्तेमाल करने से बाल रूखे हो जाते हैं.
फलों और सब्ज़ियों से पेस्टीसाइड का प्रभाव हटाने के लिए भी इन्हे रीठे के पानी से धोया जाता है. रीठा नेचुरल तरीके से पॉइज़न और टॉक्सिन हटाने का काम करता है. इसलिए सभी फलों और सब्ज़ियों को प्रयोग से पहले रीठे के घोल से धो लेना चाहिए.
सोने - चांदी के आभूषण साफ़ करने के लिए भी रीठे के घोल का प्रयोग किया जाता है. रीठे का ऊपरी छिलका उतारकर उसे मोटा मोटा कूट लें. फिर उसे पानी मिलकर भिगो दें. छिलका पानी में गल जाए तो उसके घोल को छान कर उसमे आभूषण डालकर मुलायम ब्रश से साफ़ कर लें.
कम मात्रा में रीठा दवा के रूप में खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये शरीर से टॉक्सिन निकाल देता है. इसके प्रभाव से रक्त पतला हो जाता है. रीठा हैमराईड को जड़ से ख़त्म कर देता है.
लेकिन रीठे के अंदरूनी इस्तेमाल से उल्टियां भी आ सकती हैं. इसका अधिक मात्रा में प्रयोग हानिकारक हो सकता है. इसलिए हमेशा ये ज़रूरी है की देसी जड़ी बूटियों और पेड़ पौधों के अंगों का प्रयोग काबिल और समझदार हाकिम या वैद्य के सलाह और देख रेख में ही होना चाहिए. ये लेख केवल आम जानकारी बढ़ने के लिए हैं.
अजीब बात है की यदि किसी को सांप ने काटा हो उसे रीठे का पाउडर 5 - 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ पिलाने से उल्टियां आती है और डायरिया हो जाता है. समय समय पर रीठे का इस प्रकार 3 - 4 बार का इस्तेमाल सारे ज़हर को उलटी और दस्त के रस्ते निकल बाहर करता है. लेकिन इसका प्रयोग काबिल हाकिम या वैद्य के देखरेख में होना चाहिए.
रीठा एक नेचुरल साबुन है. इसमें बहुत झाग होता है. पानी के साथ मिलकर इसका ऊपरी छिलका झाग बनता है. इसे बहुतायत से बालों को धोने यानि हेयर वाश और शैम्पू की तरह इस्तेमाल किया जाता है. रीठा अकेला या फिर शीकाकाई के साथ मिलकर शैम्पू की तरह इस्तेमाल होता है.
रीठा बालों के रंग को हल्का कर देता है. रीठे से बाल धोने से कुछ दिनों के बाद बाल काले से भूरे पड़ जाते हैं. आजकल भूरे और सुनहरे बालों का चलन है इसके लिए किसी भी अन्य प्रोडक्ट से बालों को सुनहरा और भूरा करने के लिए रीठा सबसे बेहतर दवा है. रीठा उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके बालों में चिपचिपापन रहता हो या जिनके सर की त्वचा तैलीय हो. रीठा इस्तेमाल करने से बाल रूखे हो जाते हैं.
फलों और सब्ज़ियों से पेस्टीसाइड का प्रभाव हटाने के लिए भी इन्हे रीठे के पानी से धोया जाता है. रीठा नेचुरल तरीके से पॉइज़न और टॉक्सिन हटाने का काम करता है. इसलिए सभी फलों और सब्ज़ियों को प्रयोग से पहले रीठे के घोल से धो लेना चाहिए.
सोने - चांदी के आभूषण साफ़ करने के लिए भी रीठे के घोल का प्रयोग किया जाता है. रीठे का ऊपरी छिलका उतारकर उसे मोटा मोटा कूट लें. फिर उसे पानी मिलकर भिगो दें. छिलका पानी में गल जाए तो उसके घोल को छान कर उसमे आभूषण डालकर मुलायम ब्रश से साफ़ कर लें.
कम मात्रा में रीठा दवा के रूप में खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये शरीर से टॉक्सिन निकाल देता है. इसके प्रभाव से रक्त पतला हो जाता है. रीठा हैमराईड को जड़ से ख़त्म कर देता है.
लेकिन रीठे के अंदरूनी इस्तेमाल से उल्टियां भी आ सकती हैं. इसका अधिक मात्रा में प्रयोग हानिकारक हो सकता है. इसलिए हमेशा ये ज़रूरी है की देसी जड़ी बूटियों और पेड़ पौधों के अंगों का प्रयोग काबिल और समझदार हाकिम या वैद्य के सलाह और देख रेख में ही होना चाहिए. ये लेख केवल आम जानकारी बढ़ने के लिए हैं.
अजीब बात है की यदि किसी को सांप ने काटा हो उसे रीठे का पाउडर 5 - 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ पिलाने से उल्टियां आती है और डायरिया हो जाता है. समय समय पर रीठे का इस प्रकार 3 - 4 बार का इस्तेमाल सारे ज़हर को उलटी और दस्त के रस्ते निकल बाहर करता है. लेकिन इसका प्रयोग काबिल हाकिम या वैद्य के देखरेख में होना चाहिए.