गुरुवार, 25 अगस्त 2016

मुर्गा केस cocks comb celosia flower

मुर्गा केस को अंग्रेजी भाषा में सेलोसिया कहते हैं. इसकी कई वराइटी हैं जिनके अलग अलग साइंटिफिक नाम हैं. जैसे सेलोसिया अर्जेन्टिया और सेलोसिया स्पीकत आदि. आम भाषा में इसे मुर्गा केस और आम अंग्रेजी में कॉकसकुम (cocks comb ) कहते हैं. इसका ये नाम इसके फूलों के मुर्गे के केस या कलगी के सामान होने से पड़ा है. लाल रंग का मुर्गा केस बहुतायत से पाया जाता है. इसके दूसरी वैराइटी सफ़ेद या सिल्वर और पीली भी होती हैं. ये पौधा घरों और बगीचों में सुंदरता के लिए लगाया जाता है. लेकिन इसकी एक वैराइटी खेतों में जंगली पौधों और खर पतवार के रूप में भी उगती है. इसके पत्तों में लाल रंग के स्पॉट या तो होते नहीं या बहुत कम होते हैं. इसे सिलयारी, सिलयारा, आदि कहते हैं. इसके बीज भी दवा के रूप में इस्तेमाल होते हैं. फायदे के लिहाज़ से दोनों के गुण समान हैं. अजीब बात ये है कि इसका पौधा जब छोटा होता है तब इसके पत्तों पर लाल रंग के स्पॉट अधिक होते हैं इससे पौधा सुन्दर लगता है. जैसे जैसे ये बढ़ता है ये लाल निशान कम होते जाते है और कभी कभी पत्तियां बिलकुल सदी रह जाती हैं.

ये एक सीज़नल या मौसमी पौधा है. इसके बीज बहुत बारीक होते हैं. इनका रंग काल और इनमें बहुत चमक होती है. इसके  बरसात के महीनों जून जुलाई में बोये जाते हैं. इसकी  पौध अगस्त तक लगा देनी चाहिए. सितम्बर से लेकर दिसंबर तक इसमें खूबसूरत फूल आते हैं जो मुर्गे की कलगी के तरह होते हैं. खेतों में खर पतवार के रूप में जमने वाली सिलयारी गेहूं के खेतों में भी जमती है. कहीं कहीं ये इतनी अधिक मात्रा में उगता है कि गेहूं की फसल को खराब कर देता है. इसका पौधा फरवरी, मार्च तक रह जाता है. उसके बाद ये सूख जाता है और इसके बारीक़ बीज गिर जाते हैं. कुछ पौधों में फूल के रूप में मुर्गे की कलगी के स्थान पर केवल एक लम्बी सी डंडी में फूल लगते हैं. ऐसा जंगली पौधों में अधिक होता है.

इसका पौधा जो खेतों में खर पतवार के रूप में उगता है, का साग खाया जाता है. इसे पालक के तरह उपयोग करते हैं. इसका स्वभाव ठंडा है. नकसीर में इसके पत्तों का रास या बीजों का काढ़ा नाक में डालने से आराम होता है. अपने ठन्डे गुण के कारण इसके पत्तों का लेप गर्मी से होने वाले सर दर्द में माथे पर लगाने से फ़ायदा होता है.
बीजों का इस्तेमाल श्वेत प्रदर में किया जाता है. पुरुषों की बीमारियों के लिए फायदेमंद है. हकीम  दवा में इसके बीज इस्तेमाल करते हैं. इसके बीज बिना कूटे - पीसे साबुत ही इस्तेमाल किये जाते हैं. ये पौधा डिसेन्टरी और हेमोरॉइड की ब्लीडिंग में लाभ करता है.
इसका एक नाम वेलवेट फ्लावर या मखमली फूल भी है. इसका साग खाने से मन प्रसन्न होता है. ये डिप्रेशन को घटाता है. इसीलिए कहा जाता है के इसके  खाने और घर में लगाने से ख़ुशी मिलती है.

बुधवार, 20 जुलाई 2016

शकर कंदी

शकर कंदी या शकर कंद एक बेलदार पौधा है. जून माह में इसकी बेल की कटिंग लगाई जाती है. बरसात में ये खूब बढ़ती है. इसकी बेल तोड़ने पर दूध निकलता है. नए पौधे शकर कन्द को बोन से पैदा होते हैं और फिर उनकी कटिंग लगाई  जाती है.

सितम्बर अक्टूबर तक शकर कन्द तैयार हो जाती है. ये आलू की तरह ट्यूबर है इसलिए अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो या मीठा आलू कहते हैं.
शकर कन्द में बहुत गन हैं. इसमें रेशा पाया जाता है जो पेट को साफ़ करता है. शकर कन्द खाने से दिल के दौरे का खतरा काम हो जाता है. इसका यही एक अजीब गुण बहुत कारगर है. ये खून बनता है, दांतों और हड्डियों को मज़बूत करता है.
जाड़ों में इसका इस्तेमाल शरीर को गर्म रखता है. ठण्ड लगने से बचाता है. ये बच्चों के लिए भी अच्छा भोजन है. दूध पिलाने वाली माँ के लिए आयरन और विटामिन का अच्छा स्रोत है.


गुरुवार, 14 जुलाई 2016

छोटी दुधी

छोटी दुधी एक बूटी है जो ज़मीन पर बिछी हुई होती है. इसकी शाखाएं लाल  पत्तियां बहुत छोटी छोटी और गहरे हरे या काही रंग की होती हैं. ये बरसात के दिनों में खूब फलती फूलती है.  लेकिन ये हर मौसम में मिल जाती है. इसको तोड़ने से दूध निकलता है इसी लिए इसे दुधि बूटी कहते हैं.

दुधी  पेचिश में काम आती है. इसका पेस्ट बनकर पिलाने से आराम होता है. ये एक आम तौर से पाया जाने वाला पौधा है. दुधी एक अजीब हर्ब है. ऐसे मरीज़ जो डायबिटीज के शिकार हों और इन्सुलिन का प्रयोग कर रहे हों उनसे लिए छोटी दुधी बहुत कारगर इलाज है. 

छोटी दुधी को जड़ से उखाड़कर छाया में सूखालें. सूखने पर इसका पाउडर बनाकर 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सादे पानी के साथ  दिन में दो बार इस्तेमाल करने से डायबिटीज में बहुत लाभ होता है. लेकिन किसी भी जड़ी बूटी का प्रयोग चिकित्सक के राय से ही करें. 

Popular Posts

कपूर का वृक्ष Camphora officinarum

 कपूर  को  काफूर  भी कहते हैं।  ये बाजार में सफेद टुकड़ों के रूप में मिलता है. इसकी विशेष गंध होती है जो बहुत तेज़ होती है. कमरे में अगर कपूर ...