शकर कंदी या शकर कंद एक बेलदार पौधा है. जून माह में इसकी बेल की कटिंग लगाई जाती है. बरसात में ये खूब बढ़ती है. इसकी बेल तोड़ने पर दूध निकलता है. नए पौधे शकर कन्द को बोन से पैदा होते हैं और फिर उनकी कटिंग लगाई जाती है.
सितम्बर अक्टूबर तक शकर कन्द तैयार हो जाती है. ये आलू की तरह ट्यूबर है इसलिए अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो या मीठा आलू कहते हैं.
शकर कन्द में बहुत गन हैं. इसमें रेशा पाया जाता है जो पेट को साफ़ करता है. शकर कन्द खाने से दिल के दौरे का खतरा काम हो जाता है. इसका यही एक अजीब गुण बहुत कारगर है. ये खून बनता है, दांतों और हड्डियों को मज़बूत करता है.
जाड़ों में इसका इस्तेमाल शरीर को गर्म रखता है. ठण्ड लगने से बचाता है. ये बच्चों के लिए भी अच्छा भोजन है. दूध पिलाने वाली माँ के लिए आयरन और विटामिन का अच्छा स्रोत है.
सितम्बर अक्टूबर तक शकर कन्द तैयार हो जाती है. ये आलू की तरह ट्यूबर है इसलिए अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो या मीठा आलू कहते हैं.
शकर कन्द में बहुत गन हैं. इसमें रेशा पाया जाता है जो पेट को साफ़ करता है. शकर कन्द खाने से दिल के दौरे का खतरा काम हो जाता है. इसका यही एक अजीब गुण बहुत कारगर है. ये खून बनता है, दांतों और हड्डियों को मज़बूत करता है.
जाड़ों में इसका इस्तेमाल शरीर को गर्म रखता है. ठण्ड लगने से बचाता है. ये बच्चों के लिए भी अच्छा भोजन है. दूध पिलाने वाली माँ के लिए आयरन और विटामिन का अच्छा स्रोत है.