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शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

गुले सुपारी

 गुले सुपारी या या सुपारी का का फूल किसी फूल का नाम नहीं है. ये एक पेड़ के गोंद का नाम है जिसे सेमर या सिल्क कॉटन ट्री कहते हैं. कई बार पुराने यूनानी नुस्खे बनाने वाले दवाएं ढूंढते फिरते हैं. कभी कभी दवाओं के बेचने वालों को भी दवाओं के विभिन्न नाम नहीं मालूम होते इसलिए दवाएं नहीं मिलती या फिर एक के स्थान पर दूसरी दवा मिलती है. नतीजा ये होता है की नुस्खा सही नहीं बनता और दोष नुस्खे के सर मढ़ा जाता है.

सिल्क कॉटन ट्री का वर्णन इसी ब्लॉग में पहले हो चूका है. ये इस पेड़ का गोंद है जो मोचरस के नाम से भी जाना जाता है. मोचरस एक गोंद है और जंगल में रहने वालों से सस्ता मिल जाता है ये गोंद के रूप में चिपचिपा और एडहेसिव होने के कारण बुक बाइंडिंग और चीजों को चिपकने के भी काम आता है. पेड़ से निकलने पर ताज़ा गोंद भूरे रंग का होता है. सूखने पर ये काला पड़ जाता है. बाजार में इस काले काले गोंद के बड़े और छोटे टुकड़े मिलते हैं.
इस गोंद में दूसरे पेड़ों  के गोंद की मिलावट की जाती  है. अक्सर इसमें सहजन का गोंद मिला होता है. कुछ लोग सहजन के गोंद  को ही मोचरस  बताकर बेच रहे हैं.
आइस क्रीम को गाढ़ा  बनाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. कभी कभी गोंद ट्रैगाकंथ या गोंद कतीरा की जगह भी प्रयोग होता है.

मोचरस पुष्टकारी और शक्ति वर्धक के रूप में अन्य दवाओं के साथ मिलकर प्रयोग किया जाता है. ये ल्यूकोरिया और स्पर्मेटोरया की लिए लाभकारी है.
मोचरस को घी में भूनकर खाने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है. 

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