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शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

घृत कुमारी

एलोवेरा, घीग्वार, घृत कुमारी, एक चर्चित पौधे के नाम हैं. इस पौधे को आयुर्वेद और देसी जड़ी बूटी के नाम पर बिजिनेस  का धंधा बना लिया है. कोई ऐसा रोग नहीं है जो एलोवेरा के इस्तेमाल से ठीक न हो सके. ख़ास  तौर से सौंदर्य प्रोडक्ट में एलोवेरा के नाम पर खूब ठगी की जाती है. बालों के शैम्पू से लेकर फेस क्रीम और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों में एलोवेरा का नाम ही प्रोडक्ट के बिकने की गारंटी है.
एलोवेरा के नाम से बाज़ार में बहुत प्रोडक्ट मौजूद हैं. लगता है एक अकेली बूटी  ऐसी अचूक दवा है जिसके इस्तेमाल से न बुढ़ापा आता है, न त्वचा पर झुर्रियां पड़ती हैं और न डाईबेटिस होती है.
बस एलोवेरा जेल पीजिये और हमेशा जवान रहिये. एलोवेरा लगाइये और तमाम सौंदर्य प्रसाधन से छुटकारा पाइये.

कहने का मतलब ये है की एलोवेरा के नाम पर लोगों के पैसे की लूट की जा रही है. एलोवेरा जेल अच्छे भले चेंज निरोगी लोग पी रहे हैं. और अपनी गाढ़ी कमाई को लुटा रहे हैं.
ध्यान रखिए कोई जड़ी बूटी कितनी भी अच्छी क्यों न हो उसका बे वजह इस्तेमाल कई रोगों को जन्म दे सकता है. इसलिए बाजार में मिलने वाले एलोवेरा प्रोडक्ट का इस्तेमाल बिना ज़रुरत न करें.
ऐसा नहीं है की घीक्वार या एलोवेरा में गुण नहीं हैं. लेकिन इसके गुणों का लाभ दिखाकर बिजिनेस चलाई जा रही है और एलोवेरा को बदनाम किया जा रहा है.
एलोवेरा एक बदनाम पौधा बन चुका है.
एलोवेरा का स्वाभाव शुष्क है. इसके पत्ते मोटे होते हैं जिनके अंदर एक चिपचिपा सा गूदा या sap भरा होता है. इनको काटने पर रंगहीन और कुछ पीला रंग लिए चिपचिपा जेल निकलता है. इस जेल और गूदे में ही औषधीय गुण हैं. ये चिपचिपा पदार्थ खाने पर आँतों में फिसलन पैदा करता है जिससे बहुत से जीवाणु इस चिपचिपे पदार्थ में लिपटकर आँतों से बाहर निकल जाते हैं. लेकिन इसका ज़्यादा इस्तेमाल अपने शुष्क या सूखेपन के गुण के कारण आँतों में खुश्की और सूखापन पैदा करता है. समय गुजरने पर इससे पेट के कई रोग जन्म ले सकते हैं.
त्वचा पर लगाने से इसका चिपचिपा पदार्थ एक परत या layer बनकर त्वचा के बारीक छेदों को बंद कर देता है. ये परत एक कंडीशनर की  तरह काम करती है. त्वचा की झुर्रियां मिट जाती हैं. लेकिन शुष्क गुण होने के कारण समय गुजरने के साथ त्वचा रूखी हो जाती है और उसकी चमक जाती रहती है. ये तैलीय त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है.
बालों में लगाने के पर चिपचिपे और सूखे गुण के कारण एलोवेरा डैंड्रफ में लाभ करता है. लेकिन जिनकी त्वचा पहले ही खुश्क हो उन्हें बालों में खुजली और बाल गिरने की समस्या हो सकती है.
एलोवेरा जोड़ों के दर्द में लाभकारी है. इसके लिए एलोवेरा के पत्तों को छीलकर अंदर से मुलायम गूदा निकाल लिया जाता है. ध्यान रहे की एलोवेरा के पत्ते को काटने पर जो पीले रंग का चिपचिपा पानी निकलता है उसमें कुछ हानिकारक तत्व भी होते हैं जो न केवल एलोवेरा का कड़वापन बढ़ाते हैं बल्कि शरीर को नुकसान भी करते हैं. इसलिए खाने में एलोवेरा का प्रयोग करने पर इस पीले चिपचिपे पदार्थ को हटा देना चाहिए. एलोवेरा के गूदे को घी में भून लिया जाता है और फिर चीनी और चने का आटा मिलाकर हलवा बना लिया जाता है. इस हलवे का प्रयोग जोड़ों और रीढ़ के दर्द में लाभकारी है.

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