एस्प्रिन खून का थक्का बनने से रोकती है. दिल के मरीज़ों के लिए, जिन्हे पहले दिल का दौरा पड़ चुका हो, ये एक कारगर और ज़रूरी दवा बताई जाती है. डाक्टर ऐसे मरीज़ों को जिन्हे स्टेन्ट लग चुका हो एस्प्रिन की कम खुराक या लो डोज़ लेने की सलाह देते हैं जिससे खून पतला रहे और थक्का बनने की परेशानी न हो.
इसके आलावा एस्प्रिन रोज़मर्रा के टेंशन, टेंशन से होने वाले सरदर्द, शरीर के दर्द, दांत दर्द और बुखार में भी बड़ी सुरक्षित दवा के रूप में ली जाती है. कुछ लोग एस्प्रिन की गोलियां जेब में रखते हैं और ज़रुरत पड़ने पर फ़ौरन इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन वे लोग जिनका खून पहले ही किसी वजह, दवा या बीमारी की वजह से या तो पतला है, या अंदरूनी अंगो में रक्त - स्राव हो रहा है, उन्हें एस्प्रिन जानलेवा साबित हो सकती है.
कभी कभी सर के दर्द में खून की बारीक नसों यानि कैपिलरीज से ब्लड ऊज़िंग या रक्त स्राव होने लगता है. इस प्रकार के सर दर्द में एस्प्रिन की एक खुराक ब्रेन हैमरेज का कारण बन जाती है और मरीज़ के लेने के देने पड़ जाते हैं.
बार बार और अत्यधिक मात्रा में एस्प्रिन की खुराक से खून इतना पतला हो जाता है कि शरीर की अंदरूनी झिल्लियों से बहने लगता है. जैसे हेमीचुरिया या पेशाब में खून आना, आंतों से मल के साथ खून आने की समस्या.
दिल के कई मरीज़ एस्प्रिन के इसी प्रभाव के कारण दिल को बचाते बचाते हैमरेज का शिकार हो गये.
लेकिन नयी रिसर्च में पता लगाया गया है की एस्प्रिन कैंसर को फैलने से रोकती है. इसकी लो - डोज़ जो दिल के मरीज़ों को दी जाती है, कैंसर के फैलाव को रोकने में कारगर है.
इसके आलावा एस्प्रिन रोज़मर्रा के टेंशन, टेंशन से होने वाले सरदर्द, शरीर के दर्द, दांत दर्द और बुखार में भी बड़ी सुरक्षित दवा के रूप में ली जाती है. कुछ लोग एस्प्रिन की गोलियां जेब में रखते हैं और ज़रुरत पड़ने पर फ़ौरन इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन वे लोग जिनका खून पहले ही किसी वजह, दवा या बीमारी की वजह से या तो पतला है, या अंदरूनी अंगो में रक्त - स्राव हो रहा है, उन्हें एस्प्रिन जानलेवा साबित हो सकती है.
कभी कभी सर के दर्द में खून की बारीक नसों यानि कैपिलरीज से ब्लड ऊज़िंग या रक्त स्राव होने लगता है. इस प्रकार के सर दर्द में एस्प्रिन की एक खुराक ब्रेन हैमरेज का कारण बन जाती है और मरीज़ के लेने के देने पड़ जाते हैं.
बार बार और अत्यधिक मात्रा में एस्प्रिन की खुराक से खून इतना पतला हो जाता है कि शरीर की अंदरूनी झिल्लियों से बहने लगता है. जैसे हेमीचुरिया या पेशाब में खून आना, आंतों से मल के साथ खून आने की समस्या.
दिल के कई मरीज़ एस्प्रिन के इसी प्रभाव के कारण दिल को बचाते बचाते हैमरेज का शिकार हो गये.
लेकिन नयी रिसर्च में पता लगाया गया है की एस्प्रिन कैंसर को फैलने से रोकती है. इसकी लो - डोज़ जो दिल के मरीज़ों को दी जाती है, कैंसर के फैलाव को रोकने में कारगर है.