अदरक मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है. ये आखिर बरसात के मौसम से जाड़ों भर मार्केट में मिलती है. यही नयी अदरक की फसल का समय है. इसको कंद से फरवरी मार्च के महीनों में बोया जाता है.
इसका स्वाद तीखा और विशेष गंध होती है. अपनी खुशबु से अदरक पहचानी जाती है. अधिक बढ़ जाने पर इसमें रेशे पड़ जाते हैं. इसलिए सब्ज़ी में कच्ची अदरक जिसमें अभी रेशा न पड़ा हो उपयोग होती है.
अदरक को उबाल कर सुखा लिया जाता है, अब इसका नाम सोंठ या ड्राई जिंजर पड़ जाता है. सोंठ का प्रयोग भी मसालों में किया जाता है. ये खाने की डिश, हलवा, पंजीरी, और बहुत सी दवाओं में इस्तेमाल होती है.
अदरक का स्वाभाव गर्म और खुश्क है. ये खांसी में फायदेमंद है.
इसका स्वाद तीखा और विशेष गंध होती है. अपनी खुशबु से अदरक पहचानी जाती है. अधिक बढ़ जाने पर इसमें रेशे पड़ जाते हैं. इसलिए सब्ज़ी में कच्ची अदरक जिसमें अभी रेशा न पड़ा हो उपयोग होती है.
अदरक को उबाल कर सुखा लिया जाता है, अब इसका नाम सोंठ या ड्राई जिंजर पड़ जाता है. सोंठ का प्रयोग भी मसालों में किया जाता है. ये खाने की डिश, हलवा, पंजीरी, और बहुत सी दवाओं में इस्तेमाल होती है.
अदरक का स्वाभाव गर्म और खुश्क है. ये खांसी में फायदेमंद है.
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