मेथी और कसूरी मेथी. दोनों अलग अलग पौधे हैं. आम तौर से मेथी के बीजों को मेथी और मेथी की सूखी हुई पत्तियों को कसूरी मेथी समझ जाता है.
मेथी की हरी पत्तियों को सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. सर्दी के मौसम में अकटूबर से फरवरी तक बाजार में मेथी के पत्तियां मेथी के साग के नाम से मिल जाती हैं. सोया, मेथी और पालक की पत्तियों को साग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यही पत्तियां सुखाकर सर्दी के सीज़न के अलावा विभिन्न प्रकार की डिश में प्रयोग की जाती हैं. ये न सिर्फ खाने को सुगन्धित बनाती हैं बल्कि इनके बहुत से फायदे भी हैं.
मेथी का बीज जिसे आम तौर से मेथी ही कहते हैं बाजार में मिल जाता है. इसे भी मसाले के रूप में खाने में प्रयोग किया जाता है. इसकी अपनी विशेष सुगंध होती है. मेथी का बीज दावा के रूप में भी इस्तेमाल होता है. और ये एक बहुत कारगर दावा है.
कसूरी मेथी का नाम अविभाजित पंजाब में कसूर नाम के स्थान से जुड़ा हुआ है. कसूर पहले लाहौर में था अब ये पाकिस्तान का एक डिस्ट्रिक्ट है. कसूरी मेथी की पत्तियां मेथी की पत्तियों से कुछ भिन्न होती है. सूख जाने पर इनमें से अच्छी खुश्बू आती है. कसूरी मेथी का बीज आम मेथी से छोटा होता है. दोनों तरह की मेथी को खाने में इस्तेमाल किया जाता है.
मेथी डायबेटिज़ के मरीजों के लिये फायदेमंद है. इसका साग या मेथी के बीजों का पाउडर नियमित इस्तेमाल में रखने से डायबेटिज़ को कंट्रोल में रखता है.
मेथी में विभिन्न प्रकार के पॉइज़न को सोख कर शरीर के बहार निकलने की शक्ति है. इसके साग के रोशे आँतों के कैंसर से बचाते हैं.
ये जोड़ों के दर्द की बेजोड़ दावा है. बढे हुए पेट को कम करती है. चर्बी को घटाती है. स्लिम होने के लिए यहाँ एक बेजोड़ फार्मूला दिया जाता है.
मेथी का बीज 50 ग्राम, ओरिजिनल ग्रीन टी की पत्ती 50 ग्राम, इसबगोल की भूसी जिसे सात इसबगोल या इसबगोल हस्क भी कहते है 100 ग्राम और कलौंजी 20 ग्राम. इन सबको ग्राइंडर में डालकर पाउडर बनालें. गर्म पानी के साथ एक छोटा चमच सुबह और एक शाम. 3 माह के लगातार इस्तेमाल से मोटापा जाता रहता है. जोड़ो का दर्द, कब्ज़, ब्लड प्रेशर की भी अचूक दवा है.
मेथी की हरी पत्तियों को सब्ज़ी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. सर्दी के मौसम में अकटूबर से फरवरी तक बाजार में मेथी के पत्तियां मेथी के साग के नाम से मिल जाती हैं. सोया, मेथी और पालक की पत्तियों को साग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यही पत्तियां सुखाकर सर्दी के सीज़न के अलावा विभिन्न प्रकार की डिश में प्रयोग की जाती हैं. ये न सिर्फ खाने को सुगन्धित बनाती हैं बल्कि इनके बहुत से फायदे भी हैं.
मेथी का बीज जिसे आम तौर से मेथी ही कहते हैं बाजार में मिल जाता है. इसे भी मसाले के रूप में खाने में प्रयोग किया जाता है. इसकी अपनी विशेष सुगंध होती है. मेथी का बीज दावा के रूप में भी इस्तेमाल होता है. और ये एक बहुत कारगर दावा है.
कसूरी मेथी का नाम अविभाजित पंजाब में कसूर नाम के स्थान से जुड़ा हुआ है. कसूर पहले लाहौर में था अब ये पाकिस्तान का एक डिस्ट्रिक्ट है. कसूरी मेथी की पत्तियां मेथी की पत्तियों से कुछ भिन्न होती है. सूख जाने पर इनमें से अच्छी खुश्बू आती है. कसूरी मेथी का बीज आम मेथी से छोटा होता है. दोनों तरह की मेथी को खाने में इस्तेमाल किया जाता है.
मेथी डायबेटिज़ के मरीजों के लिये फायदेमंद है. इसका साग या मेथी के बीजों का पाउडर नियमित इस्तेमाल में रखने से डायबेटिज़ को कंट्रोल में रखता है.
मेथी में विभिन्न प्रकार के पॉइज़न को सोख कर शरीर के बहार निकलने की शक्ति है. इसके साग के रोशे आँतों के कैंसर से बचाते हैं.
ये जोड़ों के दर्द की बेजोड़ दावा है. बढे हुए पेट को कम करती है. चर्बी को घटाती है. स्लिम होने के लिए यहाँ एक बेजोड़ फार्मूला दिया जाता है.
मेथी का बीज 50 ग्राम, ओरिजिनल ग्रीन टी की पत्ती 50 ग्राम, इसबगोल की भूसी जिसे सात इसबगोल या इसबगोल हस्क भी कहते है 100 ग्राम और कलौंजी 20 ग्राम. इन सबको ग्राइंडर में डालकर पाउडर बनालें. गर्म पानी के साथ एक छोटा चमच सुबह और एक शाम. 3 माह के लगातार इस्तेमाल से मोटापा जाता रहता है. जोड़ो का दर्द, कब्ज़, ब्लड प्रेशर की भी अचूक दवा है.
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