लोनिया का साग, नोनिया, कुलफा जंगली, खुरफा, आदि के नामों से मशहूर एक छोटी पत्ती का पौधा है जो जून जुलाई के माह में खेतों में, सड़कों के किनारे, खाली पड़ी जगहों पर जमता है. इसकी शाखें लाल, पत्तियां छोटी छोटी और मांसल होती हैं. इसकी बड़ी वैराइटी कुलफा के साग के नाम से बाज़ारों में मिलती है. लोग इस जंगली वैराइटी को भी खाने में इस्तेमाल करते हैं. इसका मज़ा खट्टापन लिए होता है. इसके पालक से अधिक अकजेलिक एसिड पाया जाता है. गुर्दे की पथरी के मरीजों को इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
ये स्वभाव से ठंडा होता है और जिगर को शक्ति देता है. इसका इस्तेमाल हाथों पैरों के कम्पन में फायदेमंद है. लोनिया में पीले फूल खिलते हैं. ध्यान रहे के इस पौधे को लुनिया के पौधे से कन्फ्यूज़ न करें जो घरों में अपने विभिन्न रंगों के फूलों के लिए लगाया जाता है.
लोनिा बाज़ार वाले कुलफा के साग की छोटी और जंगली नस्ल है. ये गरीबों का खान है. देहात में इसका साग बड़े चाव से खाया जाता है.
सूजन की जगह इसकी पत्तियों को पीस कर लगाने से ठंडक पड़ जाती है. फोड़ा अगर हो तो बैठ जाता है या फिर पककर फूट जाता है.
सर दर्द जो गर्मी से हो में इसके पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से फायेदा होता है.
ये स्वभाव से ठंडा होता है और जिगर को शक्ति देता है. इसका इस्तेमाल हाथों पैरों के कम्पन में फायदेमंद है. लोनिया में पीले फूल खिलते हैं. ध्यान रहे के इस पौधे को लुनिया के पौधे से कन्फ्यूज़ न करें जो घरों में अपने विभिन्न रंगों के फूलों के लिए लगाया जाता है.
लोनिा बाज़ार वाले कुलफा के साग की छोटी और जंगली नस्ल है. ये गरीबों का खान है. देहात में इसका साग बड़े चाव से खाया जाता है.
सूजन की जगह इसकी पत्तियों को पीस कर लगाने से ठंडक पड़ जाती है. फोड़ा अगर हो तो बैठ जाता है या फिर पककर फूट जाता है.
सर दर्द जो गर्मी से हो में इसके पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से फायेदा होता है.
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